जब भी बात आतंकवाद की आती है, सबसे पहले दिमाग में पाकिस्तान का नाम आता है. पड़ोसी देश में आतंकी संगठनों की कमी नहीं है. पाकिस्तान ने कई विदेशी आंतकी संगठनों को भी पनाह दी हुई है. अमेरिका की संस्था कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (CRS) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें पाकिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बताया गया है.
इस रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में कम से कम 12 आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं जिन्हें 'विदेशी आतंकवादी संगठन' (Foreign Terrorist Organisations, FTO) के रूप में नामित किया गया है. इनमें से 5 संगठन सीधे भारत को निशाना बनाने वाले हैं, जैसे कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM).
जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाना चाहते हैं ये पांच आंतकी संगठन
पाकिस्तान में पांच आंतकी संगठन विशेष रूप से भारत और जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाने वाले हैं, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी, हरकत-उल-मुजाहिदीन और हिज्बुल मुजाहिदीन शामिल हैं, ये संगठन भारत में कई बड़े आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार रहे हैं, जैसे 2008 का मुंबई हमला, 2001 का भारतीय संसद पर हमला, और कई अन्य हिंसात्मक घटनाएं.
CRS रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों को पांच प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है. पहला, वैश्विक स्तर पर सक्रिय संगठन, जो दुनिया भर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं. दूसरा, अफगानिस्तान केंद्रित संगठन, जो अफगानिस्तान में अस्थिरता फैलाने का काम करते हैं. तीसरा, भारत और कश्मीर केंद्रित संगठन, जो मुख्य रूप से भारत के खिलाफ अपनी आतंकी रणनीतियां चलाते हैं और चौथा, पाकिस्तान के घरेलू हालातों पर केंद्रित संगठन और पांचवां, सांप्रदायिक संगठन, जो विशेष रूप से शिया समुदाय को निशाना बनाते हैं.
पाकिस्तान में पनप रहे हैं ये आतंकी संगठन
इन संगठनों के अलावा, रिपोर्ट में अन्य बड़े आतंकी समूहों का भी नाम है, जैसे अल कायदा, आईएसआईएस-खुरासान (IS-K), हक्कानी नेटवर्क, तालिबान, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA), जुंदल्लाह, सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान (SSP) और लश्कर-ए-झंगवी (LeJ). ये सभी संगठन या तो पाकिस्तान की धरती से संचालित हो रहे हैं या फिर पाकिस्तान की सीमाओं के अंदर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की 2019 की 'कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म' के अनुसार पाकिस्तान ने अब तक आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की है. कई बार पाकिस्तान सरकार और सेना की भूमिका संदिग्ध रही है, क्योंकि कुछ आतंकी संगठनों को खुला समर्थन या संरक्षण मिल रहा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान सरकार ने 2015 में राष्ट्रीय एक्शन प्लान के तहत आतंकवाद के खिलाफ व्यापक कार्रवाई करने की बात कही थी, लेकिन आज तक उन वादों को पूरी तरह से अमल में नहीं लाया गया.