Pepsi Marketing Strategy Caused Riots: 25 मई 1992, ये वो तारीख है जब पेप्सी कंपनी की एक गलती की वजह से पूरे फिलीपींस में दंगे भड़क गए थे. इन दंगों में कई लोग घायल हुए थे और पांच लोगों की मौत हो गई थी. पेप्सी अपनी सेल बढ़ाने के लिए एक मार्केटिंग तकनीक लेकर आई थी. इस तकनीक से पेप्सी की सेल बढ़ी तो जरूर थी लेकिन यही मार्केटिंग तकनीक पूरे फिलीपींस के लिए बेहद बुरी साबित हुई.
क्या थी पेप्सी की मार्केटिंग तकनीक?
1992 में पेप्सी कंपनी फिलीपींस में पेप्सी सोडा ड्रिंक की सेल बढ़ाने के लिए मार्केट में नंबर फीवर नाम से एक स्ट्रेटिजी लेकर आई थी. इस स्ट्रेटिजी के तहत, पेप्सी की कंपनी ने कुछ बोतलों के ढक्कन पर लकी नंबर लिखे थे. पेप्सी का प्लान था कि जिन लोगों के पास ये लकी नंबर लिखे हुए ढक्कन होंगे, उन्हें इनाम दिया जाएगा.
पेप्सी की इस स्ट्रेटिजी के चलते देश के ज्यादा से ज्यादा लोगों ने इसमें हिस्सा लिया था. लोगों को उस वक्त का इंतजार था जब पेप्सी लकी नंबर का ऐलान करेगी. लेकिन लकी नंबर का ऐलान होते ही पेप्सी को अपनी गलती का अहसास हुआ.
पेप्सी से क्या हुई गलती?
इस कैंपन के तहत जिस इंसान के पास 349 नंबर खुलता, उसे इनाम के तौर पर एक मिलियन फिलीपींस पैसे देने थे. लेकिन उनसे एक बहुत बड़ी गलती हो गई. पेप्सी से करीब लाखों बोतलों के ढक्कन पर 349 छप गया था.
जब पेप्सी ने इस लकी नंबर का ऐलान किया तो लाखों की संख्या में लोग अपने इनाम की राशि के इंतजार में लग गए. पेप्सी को जब ये बात पता चली तो उन्होंने इस राशि को देने से इंकार कर दिया. पेप्सी के इस फैसले से लाखों लोग भड़क गए.
सड़कों पर होने लगे थे दंगे
पेप्सी को जब अपनी गलती का अहसास हुआ तबतक बेहद देर हो चुकी थी. लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर आ चुके थे. लाखों लोग पेप्सी कंपनी के कारखाने के बाहर इकट्ठा हो गए थे. देखते ही देखते लोगों का विरोध हिंसक हो गया और इसमें कई लोग घायल हो गए और 5 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.