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AIIMS में होगी ड्रोन सर्विस की शुरुआत, जानिए इससे क्या-क्या काम हो जाएंगे?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को एम्स भोपाल में ड्रोन सर्विस की शुरुआत करने जा रहे हैं. ऐसे में जानते हैं कि ड्रोन सर्विस के जरिए अस्पताल में क्या-क्या काम किया जा सकेगा?

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एम्स भोपाल में ड्रोन सर्विस की शुरुआत की जा रही है.
एम्स भोपाल में ड्रोन सर्विस की शुरुआत की जा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल की नई एक्सटेंशन बिल्डिंग का उद्घाटन करने जा रहे हैं. इसके साथ ही पीएम मोदी ड्रोन सर्विस की भी शुरुआत करेंगे. इसके जरिए जरूरी चिकित्सा आपूर्ति का सुरक्षित ट्रांसफर किया जा सकेगा. ऐसे में जानते हैं कि एम्स में ड्रोन सर्विस शुरू होने के बाद कौन-कौन से काम ड्रोन के जरिए हो जाएंगे और इनका किस तरह इस्तेमाल किया जाएगा.  

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क्या है एम्स की ड्रोन सर्विस?

एम्स भोपाल में शुरू हो रही ड्रोन सर्विस से सिर्फ एम्स परिसर में ही नहीं बल्कि दूसरे हेल्थ सेंटर्स को इससे जोड़ा जाएगा. शुरुआती फेज में इसके जरिए एम्स भोपाल को रायसेन जिले के गोहरगंज में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जोड़ा जा रहा है. इससे एम्स भोपाल से कोई भी दवाई, जांच के लिए सैंपल आदि को सेंटर पर भेजा जा सकेगा या उस सेंटर से एम्स में लाया जा सकेगा.

बता दें कि भोपाल से गोहरगंज करीब 30 किलोमीटर है और सड़क से यहां जाने में दो घंटे का समय लगता है. हालांकि, इस सर्विस के आने के बाद ड्रोन से सैंपल 20 मिनट में भेज दिया जाएगा. 

कैसे होगा काम?

ड्रोन के माध्यम से दवाइयां या सैंपल भेजे जाएंगे. इस प्रोसेस में दो लोग ड्रोन स्थान पर पहुंचकर उसमें दवाइयों को लोड करते हैं और इसे विभिन्न स्थानों में ड्रोप करते हैं. यह सुरक्षित तरीके से और बिना किसी परेशानी के हो जाता है. ड्रोन का सही से उपयोग करने के लिए ऑपरेटर्स को खास ट्रेनिंग दी गई है. इन ऑपरेटर्स को दिल्ली से 10 दिनों की ट्रेनिंग के बाद इस काम के लिए तैयार किया गया है. 

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हाल ही में इसका ट्रायल किया गया था और उस ट्रायल में ड्रोन के जरिए एम्स भोपाल से गौहरगंज पीएचसी तक सिर्फ 20 मिनट में जीवन रक्षक दवाओं की डिलीवरी की गई. इसके बाद यह ड्रोन वहां से मरीज का ब्लड सैंपल लेकर भी आया.

कई एम्स में हैं सुविधा

इससे पहले एम्स भुवनेश्वर ने ड्रोन से दवा और अन्य चिकित्सा आपूर्ति की डिलीवरी की सुविधा शुरू की है. एम्स भुवनेश्वर से टांगी सीएचसी तक ब्लड की यूनिट पहुंचाई, जिसने 35 मिनट में 60 किलोमीटर की दूरी तय की. इसके अलावा एम्स गोरखपुर ने ड्रोन प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. इस प्रोजेक्ट के तहत, बाढ़ प्रभावित, पहाड़ी, और सुदूर ग्रामीण इलाकों में दवाइयां और जानकारी पहुंचाई जा रही है.

भुवनेश्वर और गोरखपुर के अलावा ऋषिकेश में भी इसका ट्रायल किया गया है, जिसके जरिए दूर-दराज उत्तराखंड के पहाड़ी गावों में दवाइयां भेजी जा रही है. हाल ही में ट्रायल के दौरान एम्स हेलीपैड से 10 किलो सामान पहाड़ में चंबा ब्लॉक में भेजा गया था. हालांकि, पिछले साल एक बार ये ट्रायल फेल भी हो गया था. 
 

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