जब भी रात की बात होती है, लोगों के मन में अक्सर चांद और सितारों की झलक सामने आती है. रात के वक्त आसमान में चमकता चांद बहुत सुंदर लगता है, लेकिन कई बार यही चांद दिन में भी नज़र आता है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? हालांकि, हर रोज ऐसा नहीं होता कि दिन में चांद दिखाए दे. आइए जानते हैं आखिर क्यों कभी-कभी दिन में चांद दिखाई देता है.
सूरज के बाद, आकाश में सबसे ज्यादा चमकने वाला खगोलीय पिंड, जिसे हम देख सकते हैं, वो चांद है. दरअसल, कभी-कभी सूर्य से परावर्तित प्रकाश के कारण चंद्रमा दिन में भी दिखाई देता है. चंद्रमा की सतह से टकराकर ही सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक पहुंचती है. यही वजह है कि चांद हमें रात में दिखाई देता है. वहीं, दिन में चांद कभी-कभी सूर्य की कम रोशनी की वजह से दिखाई देता है. जिस वक्त सूरज की रोशनी कम होती है, उस वक्त हमें दिन में चांद नजर आता है. यह घटना अक्सर सूर्यास्त और सूर्योदय के वक्त होती है.
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विशेषज्ञों के अनुसार, अमावस्या के आस-पास दो या तीन दिनों के लिए सूर्य की बिखरी हुई रोशनी चंद्रमा से अधिक चमकती है, इसी वजह से चंद्रमा आंखों से ओझल हो जाता है और इन दिनों चांद दिखाई नहीं देता है. पूरे वर्ष में चंद्रमा औसतन 25 दिनों तक दिन के उजाले में दिखाई देता है. अन्य पांच दिन अमावस्या चरण और पूर्णिमा के आसपास होते हैं.