भारतीय हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी श्रीजेश के जर्सी नंबर को हॉकी इंडिया की ओर से रिटायर कर दिया है. इससे पहले श्रीजेश ने पेरिस खेलों में देश को लगातार दूसरा ओलंपिक कांस्य पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद हॉकी टीम को अलविदा कह दिया था. आपने देखा होगा कि क्रिकेट हो या फिर कोई और गेम, हर खेल में खिलाड़ियों की जर्सी के पीछे एक नंबर लिखा होता है और कुछ प्लेयर्स की जर्सी को रिटायर कर दिया जाता है. जैसे क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी के जर्सी नंबर को रिटायर कर दिया गया था.
ऐसे में सवाल है कि आखिर खिलाड़ियों को ये जर्सी नंबर कैसे मिलता है, क्या कोई भी खिलाड़ी अपने मन के हिसाब से जर्सी नंबर ले सकता है या इसके लिए कोई नियम है. इसके अलावा कुछ जर्सी नंबर के रिटायर होने का क्या मतलब है और किस वजह से जर्सी नंबर रिटायर किया जाता है...
कैसे मिलता है जर्सी नंबर?
वैसे तो हर खिलाड़ी अपने मन से अपना जर्सी नंबर चुन सकता है. लेकिन, इसके लिए खिलाड़ी को कुछ शर्त पूरी करनी होती है, जिसके बाद उन्हें नंबर अलॉट होता है. एक शर्त तो ये है कि खिलाड़ी, जिस भी नंबर को चुनता है, वो नंबर टीम के किसी भी खिलाड़ी के पास नहीं होना चाहिए. आईसीसी हर नए खिलाड़ी को मौका देता है कि वो 1 से लेकर 100 तक की संख्या के बीच कोई अपना नंबर चुन लें.
लेकिन, वो नंबर टीम के नियमित सदस्य या फिर टीम से बाहर चल रहे लेकिन अभी भी सक्रिय खिलाड़ियों के पास वो नंबर नहीं होना चाहिए. अगर कोई खिलाड़ी संन्यास लेता है तो वह नंबर दूसरे खिलाड़ी के लिए उपलब्ध होता है.बस, एक्टिव प्लेयर का नंबर नहीं ले सकते. साथ ही रिटायर नंबर भी नहीं ले सकते.
क्या है रिटायर होने का मतलब?
अगर रिटायर होने की बात करें तो कई बार नेशनल फेडरेशन किसी एक सीनियर खिलाड़ी को खास रेस्पेक्ट देने के लिए ऐसा करती है. इस क्रम में उनके जर्सी नंबर को रिटायर कर दिया जाता है. यानी किसी भी दिग्गज खिलाड़ी के नाम पर एक जर्सी नंबर कर दिया जाता है, जिसका मतलब होता है कि फिर कभी भी उस नंबर का जर्सी नंबर कोई भी नहीं ले पाता. जैसे महेंद्र सिंह धोनी का जर्सी नंबर 7 था, जिसे बाद में रिटायर कर दिया गया.
इसका मतलब है कि अब कभी भी कोई इंडियन क्रिकेटर 7 नंबर की जर्सी नहीं ले सकता है. ऐसे ही सचिन तेंदुलकर के जर्सी नंबर 10 को भी रिटायर कर दिया है, जिससे कोई भी खिलाड़ी 1 से 100 में 7, 10 आदि जर्सी नंबर नहीं ले सकते. अब श्रीजेश की जर्सी नंबर 16 को रिटायर किया गया है, इसका मतलब है कि अब कोई भी हॉकी खिलाड़ी 16 नंबर की जर्सी नहीं पहन पाएगा.
यशस्वी जायसवाल को बदलने पड़े थे नंबर
क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल ने जब डेब्यू किया था तो वो जर्सी नंबर 19 के लिए काफी उत्सुक थे. वे इससे पहले राजस्थान रॉयल्स के लिए भी इसी जर्सी नंबर के साथ खेलते थे. लेकिन, उन्हें 19 नंबर की जर्सी नहीं मिली. इसका कारण ये था कि इससे पहले दिनेश कार्तिक के पास 19 नंबर की जर्सी थी और वो टीम का हिस्सा थे. इसके बाद जायसवाल को 64 नंबर की जर्सी मिली. जब शुभमन गिल आए तो वो 7 नंबर की जर्सी चाहते थे, लेकिन धोनी की जर्सी की वजह से उन्होंने 77 नंबर की जर्सी ली.
विदेश में भी है कल्चर
फुटबॉलर डिएगो माराडोना के जर्सी नंबर 10, बॉस्केटबॉल खिलाड़ी माइकल जॉर्डन के जर्सी नंबर 23 को भी कोई नहीं लेता है.