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29 सितंबर: ऐसे लिया था इंडियन आर्मी ने आतंकियों से बदला, जानें सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी कहानी

आज का दिन भारत के लिए महत्वपूर्ण दिन है. आज से आठ साल पहले इसी 29 सितंबर को भारतीय सेना ने ऐसा साहसिक कारनामा किया था, जिसे आने वाले सदियों तक भारत का बच्चा-बच्चा याद रखेगा. इसी दिन जवानों ने सीमा पार जाकर आतंकियों के दुस्साहस का जवाब दिया था और भारत के लोगों ने पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) के बारे में जाना था.

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सर्जिकल स्ट्राइक की कहानी
सर्जिकल स्ट्राइक की कहानी

29 सितंबर 2016 की रात भारत के वीर सपूत जान हथेली पर लेकर सीमा पार गए थे और उरी पर हुए दुस्साहसिक हमले का बदला लिया था. इंडियन आर्मी के स्पेशल फोर्स ने वहां मौजूद आतंकी कैंप और उसके अंदर छिपे आंतकियों को तबाह कर दिया था. उस वक्त पूरे देश में नवरात्रि का त्योहार चल रहा था और ऐसे मौके पर भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया. 

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भारतीय सेना के जवान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में 3 किलोमीटर अंदर तक घुस गए थे. वहां पहुंचकर आतंकियों के कैंप को बर्बाद किया. फिर नींद में सो रहे आतंकियों को हमेशा के लिए सुला दिया. जिसने भी हथियार उठाने की हिमाकत की उसे भारतीय सेना के जवानों ने भयानक मौत दी. बताया जाता है कि पूरा  मिशन सिर्फ 25 कमांडो के जिम्मे था. वहीं करीब 150 कमांडो एक्सट्रा सपोर्ट के लिए LoC के पास रुके हुए थे. अगर उनपर जवाबी हमला होता तो बैकअप में तैनात कमांडो भी तगड़ा जवाब देते.  

दस दिन पहले हुआ था उरी पर हमला
सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई उस नापाक हमले का जवाब था, जो दस दिन पहले आतंकियों ने उरी में किया था. जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकी 18 सितंबर 2016 को उरी स्थित इंडियन आर्मी कैंप पहुंच गए थे और यहां प्रशासनिक स्टेशन पर चुपके से हमला कर दिया था. इस हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद वहां मौजूद स्पेशल फोर्सेस ने आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया. बाद में सूचना मिली कि इस हमले में पाकिस्तानी सेना का हाथ था. उनलोगों ने ही आतंकियों को मदद की थी. 

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उरी पर हुए हमले का लिया ऐसे बदला
उरी की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. भारत की जनता का खून खौल रहा था. देश इसका जवाब चाहता था. वहीं पाकिस्तान ये मानने को तैयार नहीं था कि उसके सरपरस्त आतंकियों ने ये कायरतापूर्ण हरकत की है. इसके बाद भारत की सरकार और सेना दोनों ने आतंकियों और उनके पाकिस्तानी आकाओं को करारा जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी.  29 सितंबर को होने वाले सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने से पहले एक बड़ी तैयारी की गई. क्यों भारत पहली बार इस तरह का ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा था, जब सीमा पार जाकर आतंकियों को उनके पनाहगार के सामने तबाह कर दिया जाए. 

Para SF कमांडो की थी सर्जिकल स्ट्राइक
भारतीय सेना की घातक टुकड़ी पैरा एसएफ (Para SF) कमांडो को यह मिशन पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई थी. इस मिशन के कमांडर ने अपने 150 घातक कमांडो को यह निर्देश दिया था कि कोई दुश्मन जिंदा नहीं बचना नहीं चाहिए. LoC पार करके आतंकियों के घर में घुसकर उन्हें मौत की नींद सुला देंगे. सीमा पार पाकिस्तानी सेना के बल पर कैंप बनाकर रह रहे  कायर आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि इंडियन आर्मी इस तरह से भी बदला ले सकती है. 18 सितंबर 2016 को उरी हमले (Uri Attack) में मारे गए जवानों की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि हमारे स्पेशल फोर्स के जवानों ने दुश्मन के घर में घुसकर उन्हें नेस्तेनाबूद कर दिया. 

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4 घंटे चला था ऑपरेशन
पीओके के अंदर जाने के बाद स्पेशल फोर्स के कमांडों ने आतंकियों के कैंप में पहले ग्रैनेड फेंके. इसके बाद रात के अंधेरे में स्मोक ग्रैनेड फेंककर भारतीय कमांडो ने नाइट विजन कैमरों की मदद से एक-एक आंतकी को मार गिराया. सर्जिकल स्ट्राइक में 38 आतंकियों को मारा गया था. इस मिशन में पाकिस्तानी सेना के दो जवान भी मारे गए थे. पूरा ऑपरेशन चार घंटे तक चला था और इसमें किसी भारतीय जवान की मौत नहीं हुई थी. 

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29 सितंबर को हुई प्रमुख घटनाएं-

1901: दुनिया के जाने-माने फिजिसिस्‍ट एनरिको फर्नी का जन्‍म 1901 को हुआ था. इन्‍होंने परमाणु रिएक्‍टर बनाया था.
1913: डीजल इंजन का आविष्‍कार करने वाले रुडॉल्‍फ डीजल का निधन हुआ था. 
1932: अभिनेता, निर्माता-निर्देशक महमूद अली का जन्‍म हुआ था. 
1959: आराती साहा इंग्लिश चैनल पार करने वाली पहली एशियाई महिला बनीं थी. 
1978: दिन पोप जॉन पॉल प्रथम की रहस्यमय हालात में मौत हो गई थी. वे केवल 33 दिनों पहले पोप चुने गए थे और बिस्तर पर पढ़ाई करते-करते अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. 1979: कैथोलिक ईसाइयों के धार्मिक गुरू पोप जॉन पॉल द्वितीय ने आज ही के दिन आयरलैंड के लोगों से हिंसा को त्याग कर शांति के रास्ते पर चलने की अपील की थी.

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