Know About Taiwan: चीन की तमाम धमकियों के बाद भी अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंची हैं. अमेरिका के इस कदम से चीन बौखलाया हुआ है. चीन ने ताइवान पर सैन्य कार्रवाई की धमकी दे दी है. चीन ने इस वक्त ताइवान को चारों तरफ से घेरा हुआ है. चीन युद्धाभ्यास करने की प्लानिंग कर रहा है. लेकिन चीन के इरादे और उसके मंसूबे को देखते हुए सबसे बड़ा डर यही है कि कहीं वो ताइवान पर सीधा आक्रमण ना कर बैठे. आइए जानते हैं कि चीन और ताइवान के बीच क्या है विवाद और चीन से टक्कर लेने वाले ताइवान के बारे में रोचक बातें.
यहां पढ़िए ताइवान से जुड़े कुछ फैक्ट्स
- ताइवान दक्षिण पूर्वी चीन के तट से करीब 100 मील दूर स्थिति एक द्वीप है. ताइवान की जनसंख्या 23 मिलियन है. वहीं, अगर ताइवान के क्षेत्रफल की बात करें तो ताइवान 1400 sq माइलस से भी कम के एरिया में फैला हुआ है.
- ताइवान की आधिकारिक मुद्रा New Taiwan Dollar है. वहीं, इस देश की दो राष्ट्रीय भाषाएं हैं. ताइवान में Mandarin, और Hakka बोली जाती है.
- ताइवान के झंडे का डिज़ाइन सन यात सेन और लू हाओ तुंग ने किया था. ताइवान के झंडे को 1928 में आधिकारिक मान्यता प्राप्त हुई थी. इस झंडे का लाल रंग क्रांतिकारियों के प्रतिनिधित्व को दर्शाता है.
- ताइवान की फिल्मों ने दुनिया भर के फिल्म समारोहों में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं. ताइवान के एक निर्देशक आंग ली ने समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों का निर्देशन किया है. इन फिल्मों में शामिल हैं- क्राउचिंग टाइगर, हिडन ड्रैगन; ईट, ड्रिंक मैन एंड वुमेन, सेंस एंड सेंसिबिलिटी, ब्रोकेबैक माउंटेन और लाइफ ऑफ पाई.
- ताइवान के लोगों की जीवन शैली भी पश्चिम और यूनाइटेड किंगडम के जैसी है. एक खूबसूरत द्वीप होने के साथ-साथ यह अपने इतिहास और सांस्कृतिक तथ्यों के कारण भी जाना जाता है.
- ताइवान एशिया का पहला ऐसा देश है जहां समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिली है.
- बुर्ज खलीफा बनने से पहले तक ताइवान की ताइपे 101 बिल्डिंग दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग थी.
चीन ताइवान के बीच क्या है विवाद?
दरअसल, चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है लेकिन ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है. ताइवान का अपना संविधान है और यहां लोगों की चुनी हुई सरकार है. इसी को लेकर चीन और ताइवान के बीच विवाद चल रहा है. चीन और ताइवान के बीच ये विवाद 73 सालों से चला आ रहा है. लेकिन अभी कुछ दिनों पहले चीन और ताइवान में विवाद बहुत ज्यादा बढ़ गया है. वहीं, अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने से युद्ध का खतरा मंडराने लगा है.