
History of Teachers Whisky: दुनिया भर में ब्लेंडेड स्कॉच व्हिस्की लोगों के बीच मशहूर है. व्हिस्की के शौकीन लोग करीब 100 साल से ज्यादा समय से ब्लेंडेड स्कॉच व्हिस्की का मजा ले रहे हैं. भारत में भी आपको व्हिस्की के शौकीन आराम से मिल जाएंगे. टीचर्स हाइलैंड क्रीम भारत में लॉन्च होने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय स्कॉच थी. आज के समय में टीचर्स सबसे ज्यादा बिकने वाला स्कॉच ब्रैंड है. भारत के 50वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर टीचर्स 50- एक 12 साल पुरानी व्हिस्की को खासतौर पर ब्लेंड करके लॉन्च किया गया था. आज के समय में टीचर्स व्हिस्की ब्रांड का मालिकाना हक Beam Suntory कंपनी के पास है, जो दुनिया भर में प्रीमियम शराब बनाने के लिए जानी जाती है.
टीचर्स व्हिस्की का इतिहास
टीचर्स व्हिस्की के इतिहास की बात करें तो इसका कहानी 175 साल से भी पहले शुरू होती है, जब नया आबकारी अधिनियम (New Excise Act) पेश किया गया था. 1823 आबकारी अधिनियम के तहत शराब बनाने वाली कंपनियों का फ्यूचर पूरी तरह बदल गया. 1823 आबकारी अधिनियम के बाद लगभग 60 स्कॉटिश डिस्टिलरी खुले तौर पर चल रही थीं (हालांकि, यह माना जाता है कि कई और अवैध रूप से चल रही थीं). इस नए अधिनियम के बाद व्हिस्की की तस्करी करने की जरूरत खत्म हो गई थी. इस वजह से अच्छी क्वालिटी वाली व्हिस्की आसानी से मिलने लगी.
नए कानून के तहत व्हिस्की डिस्टिलेशन को कानूनी तौर पर मान्यता मिल गई. इसको विलियम टीचर ने एक मौके की तरह देखा और ये उनका आत्मविश्वास ही था, जिससे दुनिया के सबसे बड़े व्हिस्की ब्रांड का जन्म हुआ. 1830 में विलियम टीचर ने एक ग्रॉसर शॉप से व्हिस्की बेचना का लाइसेंस लिया. दुकान की मालिक उनकी गर्लफ्रेंड एग्नेस मैकडोनाल्ड की मां थीं. विलियम ने 1832 में एग्नेस से शादी की और पिकाडिली स्ट्रीट में पहली 'ड्राम शॉप' खोली. इस ड्राम शॉप पर कस्टमर्स रुक कर व्हिस्की का मजा उठाते थे.
1836 में अपनी दूसरी दुकान खोलते समय विलियम ने बॉटल्ड व्हिस्की बेचने का लाइसेंस लिया. ग्लासगो में बढ़ती आबादी के चलते देखते ही देखते विलियम टीचर ने करीब 20 'ड्राम शॉप' खोल लीं. यहां ग्राहक बैठ कर व्हिस्की पीते थे और घर जाते वक्त बॉटल खरीद कर ले जाते थे.
व्हिस्की उद्योग के शुरुआती सालों में विलियम टीचर जैसे व्यापारियों के पास पूरे स्कॉटलैंड से सिंगल मॉल्ट और ग्रेन व्हिस्की का एक्सेस था. इसके बाद, 1860 में स्पिरिट्स एक्ट पास होने के बाद विलियम टीचर को कानूनी रूप से खुद की व्हिस्की बनाकर ड्राम शॉप में बेचने की इजाजत मिल गई थी. इसी दौरान विलियम टीचर ने हाई पीट माल्ट के साथ एक व्हिस्की तैयार की. इस व्हिस्की के स्वाद को टीचर ने खुद बहुत पसंद किया और इसे अपना नाम दिया. इस तरह टीचर्स हाइलैंड क्रीम व्हिस्की बनाई गई. विलियम टीचर के निधन के बाद उनके बेटों ने अपने पिता के काम को आगे बढ़ाया. इसके बाद कंपनी को विलियम टीचर एंड संस लिमिटेड के रूप में जाना जाने लगा.