Why Airplanes Do not Have Shoulder Seat Belts But Cars Do: अगर आपने कार और प्लेन दोनों में सफर किया होगा तो आपको पता होगी कि कार और प्लेन दोनों में ही सीट बेल्ट पहनना बहुत जरूरी है. कार और प्लेन की सीट बेल्ट अनहोनी के वक्त आपकी जान बचा सकती है. हालांकि, लोगों को अक्सर ही सीट बेल्ट को लेकर सतर्क नहीं देखा जाता. लोग कई बार कार में सफर करते वक्त सीट बेल्ट पहनना जरूरी नहीं समझते और दुर्घटना के वक्अत पनी जान खतरे में डालते हैं.
कार और प्लेन दोनों में ही सीट बेल्ट पहनना बेहद जरूरी है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कार और प्लेन की सीट बेल्ट अलग-अलग क्यों होती है. कार में जो सीट बेल्ट होती है वो हमारे कंधों के ऊपर से आकर साइड हुक में लगाई जाती है. जबकि प्लेन में सीट बेल्ट हमारी कमर के ऊपर से लाकर साइड हुक में लगती है. आइए जानते हैं क्यों कार से अलग होती है प्लेन की सीट बेल्ट.
प्लेन की सीट बेल्ट को पहनने के लिए हम सीट बेल्ट को कमर के ऊपर से लाकर साइड में लगाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि टर्बुलेंस की स्थिति में प्लेन हवा में ऊपर-नीचे होता है. ऐसी स्थिति में वेस्ट बेल्ट आपको अपनी सीट पर एक जगह पर रहने में मदद करती है. दूसरी वजह ये है कि शोल्डर वाली सीट बेल्ट लगाने के लिए सीट के बीच ज्यादा जगह चाहिए होती है और प्लेन की सीट्स में इतना स्पेस नहीं होता.
वहीं, कार में जो सीट बेल्ट हम पहनते हैं, वो कंधों के ऊपर से लाकर हम साइड में लगाते हैं. कार में किसी दुर्घटना की स्थिति में प्रभाव ज्यादा होता है और झटका लगने पर इंसान को आगे की ओर धक्का लगता है. शोल्डर वाली सीट बेल्ट इंसान को झटका लगने बाद पीछे की ओर धक्का देती हैं. इससे कार में बैठे व्यक्ति को कम चोट लगने की संभावना होती है. शोल्डर सीट बेल्ट इसलिए होती हैं जिससे कार में अचानक झटका लगने से इंसान कार की विंडशील्ड से बाहर न गिरे. शोल्डर सीट बेल्ट इंसान की पूरी अपर बॉडी को झटके के प्रभाव से बचाती है.