तिरुपति बालाजी के प्रसाद में उपयोग होने वाले घी में मिली मिलावट के बाद यहां के लड्डू चर्चा में है. तिरुपति बालाजी में चढ़ने वाले लड्डू के प्रसाद की काफी मान्यता है और हर रोज लाखों की संख्या में लड्डू बनते हैं. हालांकि, लड्डू की सामग्री में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि के बाद लोग जानना चाहते हैं कि आखिर ये लड्डू बनते कहां है और कैसे बनते हैं. तो तिरुपति के प्रसाद से जुड़ी हर एक बात...
कहां बनते हैं ये लड्डू?
तिरुपति बालाजी के ये फेमस लड्डू काफी शुद्धता से बनाए जाते हैं. इस लड्डू में उपयोग होने वाले सामान को दित्तम कहा जाता है. साथ ही जहां ये लड्डू बनता है, उस रसोईघर को लड्डू पोटू कहा जाता है. पहले प्रसाद को बनाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन 1984 के बाद से इसके लिए एलपीजी गैस का इस्तेमाल हो रहा है. हर रोज यहां लाखों की संख्या में लड्डू बनते हैं, इसे लेकर अलग-अलग रिपोर्ट्स हैं. कई रिपोर्ट्स में 3.5 लाख तो कुछ में 5 लाख से ज्यादा लड्डू बनने की बात कही गई है.
पहले अलग-अलग मूविंग बेल्ट के जरिए किचन में लड्डू बनाए जाते थे. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में पिछले साल बताया गया था कि अब जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और स्विट्जरलैंड से 50 करोड़ की कुछ मशीनें मंगाई जा रही हैं, जिससे लड्डू बनाने का काम पूरी तरह ऑटोमैटिक हो जाएगा. इसमें मैनुअल काम बिल्कुल भी नहीं रहेगा. पहले इन लड्डू को बनाने के लिए 600 से ज्यादा कुक काम करते थे, जिसमें कुछ कॉन्ट्रेक्ट और कुछ पर्मानेंट वर्कर थे.
कैसे बनते हैं ये लड्डू?
इस लड्डू की खास बात ये है कि ये सामान्य लड्डू की तरह पूरी तरह गोल नहीं होते हैं जबकि इनकी शेप ओवल होती है. बताया जाता है ये लड्डू 1715 से बनाए जा रहे हैं. अभी तक 6 बार इस प्रोसेस को बनाने की प्रोसेस को बदला गया है और अभी बेसन, चीनी, काजू, इलायची, घी, मिश्री और किशमिश से ये लड्डू बनाया जाता है. बताया जाता है लड्डू बनाने के लिए 10 टन बेसन, 10 टन चीनी, 700 किलो काजू, 150 किलो इलायची, 300 से 400 लीटर घी, 500 किलो मिश्री, 540 किलो किशमिश का हर रोज यूज होता है. इन सामान के लिए ट्रस्ट ने अलग अलग टेंडर दिए हैं.
तीन तरह के होते हैं लड्डू?
प्रसाद में तीन तरह के लड्डू होते हैं, जिसमें Proktham, Asthanam और Kalyanotsavam शामिल है. Proktham लड्डू छोटे लड्डू होते हैं, जो 60-75 ग्राम का एक होता है और ये बड़ी संख्या में दर्शनार्थियों को दिए जाते हैं. वहीं, Asthanam लड्डू फेस्टिव सीजन में बनते हैं, जो 750 ग्राम का एक होता है. Kalyanotsavam ये लड्डू उन लोगों के लिए बनता है, जो Kalyanotsavam में हिस्सा लेते हैं.
कितनी है कमाई?
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, तिरुपति मंदिर की कमाई का तीसरा बड़ा सोर्स प्रसाद को ही माना जाता है. ये करीब 500-600 करोड़ रुपये तक है. ट्रस्ट की ओर से प्रसाद में लड्डू, वड़ा, डोसा, पोंगल, पुलिहोरा आदि बनाया जाता है. ये ऑनलाइन माध्यम से लेकर मंदिर में भी बेचा जाता है. बता दें कि यहां एक लड्डू की रेट 50 रुपये प्रति लड्डू है.