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'साड़ी पर बनी बॉर्डर क्या दर्शाती है...', UPSC के वो सवाल जिनके जवाबों ने बनाया IAS

पिछले सालों की परीक्षाओं में यूपीएससी निकालने वाले अभ्यर्थ‍ियों से जानिए कि उनसे ऐसे कौन से ट्रिकी सवाल पूछे गए, जिनके जवाबों ने पैनल को संतुष्ट किया. उन्हें परीक्षा में सफलता भी मिली और साथ ही सिविल सर्वेंट होने का गर्व भी प्राप्त हुआ.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

यूपीएससी मेंस परीक्षा पास करने के बाद बारी आती है इंटरव्यू की. ये इंटरव्यू ही वो कड़ी होते हैं जिसमें अभ्यर्थी के व्यक्तित्व को परखा जाता है. वैसे तो इस इंटरव्यू में पैनलिस्ट बहुत डिटेल और गंभीर सवाल पूछते हैं, लेकिन कई बार अभ्यर्थ‍ियों से कुछ ट्रिकी सवाल भी पूछे जाते हैं. इसमें आपके जवाब सही या गलत, इससे ज्यादा आपका आत्मविश्वास, आपका नजरिया और आपके कहने का तरीका सब परख लिया जाता है. पिछले सालों की परीक्षाओं में यूपीएससी निकालने वाले अभ्यर्थ‍ियों से जानिए कि उनसे ऐसे कौन से ट्रिकी सवाल पूछे गए, जिनके जवाबों ने पैनल को संतुष्ट किया. उन्हें परीक्षा में सफलता भी मिली और साथ ही सिविल सर्वेंट होने का गर्व भी प्राप्त हुआ. 

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भारत में सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं कि नहीं? 

झारखंड के रहने वाले यश जलुका को UPSC-2020 में ऑल इंडिया चौथी रैंक हासिल हुई है. उनसे इंटरव्यू पैनल द्वारा ये ट्र‍िकी सवाल पूछा गया. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे विचार से भारत में सीबीआई समेत अन्य जांच एजेंसियां आंश‍िक रूप से ही स्वतंत्र हैं. इसके टॉप ऑफ‍िसर्स का चयन सरकार ही करती है. इसके अलावा इन जांच एजेंसियों द्वारा होने वाली रेड या अन्य कार्रवाई का कई बार पब्ल‍िक को कारण भी पता नहीं चल पाता कि आख‍िर क्यों छापा मारा गया. वो कहते हैं कि मैंने जवाब के साथ यह सुझाव भी दिया कि इन एजेंसियों के लिए संसद में एक कमेटी ऐसी होनी चाहिए जहां कोई भी एजेंसी ये सूच‍ित करे कि उनके छापेमारी के पीछे वजह क्या है, उनके पास किस तरह के एविडेंस हैं जिसके आधार पर यह कार्रवाई हो रही है. भले ही यह जनता से गुप्त रखा जाए लेकिन विपक्ष को इसके बारे में पता होना चाहिए. 

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पुरुषों का खेल फुटबॉल क्यों पसंद है? ये तो पुरुषों का गेम है, ये रफ गेम है

UPSC 2018 में 97वीं रैंक पाने वाली देहरादून की हिमाद्री कौशिक ने इस सवाल का जवाब देने के बजाय मुस्कुरा दिया और फिर कहा कि सर, बस मुझे पसंद है. उनके कॉन्फीडेंस और हंसी को देखकर वहां बोर्ड में बैठे दूसरे लोग भी मुस्कुराने लगे. वो बताती हैं कि इसके बाद मुझसे भारतीय फुटबॉलर के बारे में भी पूछा जिसके जवाब में मैंने नेशनल टीम के बारे में बताया. हिमाद्री कहती हैं कि आप डीएएफ में जो भरें उसकी तैयारी जरूर कर लें. 

आख‍िर दूसरे राज्यों से क्यों पीछे है बिहार? 

सिवान बिहार की ऋचा रत्नम ने यूपीएससी की परीक्षा में 274 रैंक हासिल की थी. उनसे पैनल में उनके गृह राज्य को लेकर सवाल पूछा गया. ऋचा ने इसका काफी विस्तृत तरीके से जवाब दिया. इसके जवाब में उन्होंने इसके पीछे हिस्टोरिकल रीजन से लेकर नीतिगत आदि बिंदुओं पर जवाब दिया. सिवान के बारे में भी पैनल ने सवाल किया, इस पर रिचा ने बताया कि देश के प्रथम राष्ट्रपति की जन्मस्थली है. 

आख‍िर दूसरे राज्यों से क्यों पीछे है बिहार? सवाल के जवाब में पहला रीजन हिस्टोरिकल बताया. इसमें उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से औद्योगिक नीति और freight equalisation policy (माल ढुलाई समीकरण नीति) थी, ये सही से लागू नहीं हुई. इसके कारण मिन‍रल आदि का राज्य को फायदा नहीं हुआ. इसके अलावा भूमिसुधार अच्छे से लागू नहीं हुए. इसके अलावा एक रीजन है साल 1991 में आई इंडिया की नई आर्थिक नीति जो यहां अच्छे ढंग से लागू नहीं हुई. बता दें कि नई आर्थ‍िक नीति 24 जुलाई 1991 को LPG (उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण) मॉडल के रूप में की गई थी. वो कहती हैं कि इसके पीछे कई पॉलिटिकल फैक्टर बहुत महत्वपूर्ण है. इसका साउदर्न स्टेट ने अच्छा यूज किया. कहीं न कहीं बिहार से लोग माइग्रेट हुए हैं. ऐसा नहीं है कि इसका फायदा लोगों को नहीं मिला, लेकिन इसका फायदा बिहार को राज्य के तौर पर नहीं मिला.

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एक पीड़‍िता के पिता की जेल में मौत हो गई, अगर आप उस जेल के जेलर होते तो क्या करते? 

आशीष कुमार का साल 2019 में यूपीएससी में चयन हुआ. उनसे बीजेपी नेता के हाई प्रोफाइल मामले से संबंधित सवाल पूछा गया था, इस मामले में उस दौरान चर्चा थी कि रेप पीड़िता के पिता की जेल में मौत हो गई. उनसे सवाल पूछा गया कि अगर आप उस जेल के जेलर होते तो क्या करते. आशीष कहते हैं कि इस सवाल पर मैंने बिना कुछ सोचे, वही जवाब दिया जो मैं पहले भी खबरें पढ़ते हुए सोच रहा था. मैंने कहा कि मैं सबसे पहले पूरे मामले की निष्पक्ष जांच पर जोर देता. मैं पता लगाता कि जहां वो घटना हुई, वहां के सीसीटीवी कैमरे ठीक से काम कर रहे थे या नहीं. मौका-ए-वारदात में जिन लोगों ने ये घटना देखी, उनका क्या रिऐक्शन है. 

आपने राग दरबारी किताब पढ़ी है? पीड़ित के पिता से मेल खाते किरदार का नाम याद है आपको

आशीष बताते हैं कि दूसरा सवाल फीमेल इंटरव्यूवर ने पूछा. ये सवाल भी रेप मामले में फंसे नेता से संबंधित था. उन्होंने पूछा कि आपने राग दरबारी किताब पढ़ी है. मैंने हां में जवाब दिया तो उन्होंने पूछा कि उस किताब में भी एक किरदार था जिसका चरित्र इस मामले में पीड़ित के पिता से मेल खाता है. संयोग से मुझे उस पुस्तक में लंगड़ का किरदार याद था. मैंने वही नाम लिया तो उन्होंने तारीफ की. बता दें कि आशीष को यूपीएससी में नौकरी के साथ तैयारी के बावजूद 817वीं रैंक मिली. 

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आपके नाम का मतलब क्या है और इसके क्या मायने हैं?

साल 2021 की नौवीं रैंक की टॉपर अपाला मिश्रा से तमाम सवालों के साथ कुछ ट्र‍िकी सवाल भी पूछे गए. जिसमें पैनलिस्ट ने उनसे उनके नाम अपाला का मतलब भी पूछा. उन्होंने बताया कि ये नाम ऋग वेदीय युग की महिला ऋषि का हुआ करता था. यह नाम मां ने रखा था क्योंकि मां हिन्दी की प्रोफ़ेसर हैं इसलिए उनका साहित्य से कुछ ज्यादा ही लगाव है और अपाला का शाब्दिक अर्थ देखा जाए तो इसका अर्थ होता है सुंदर. 

आर्मी में किस तरह के चैलेंजेस होते हैं और साथ ही साथ इसके सकारात्मक पहलू क्या है?

अपाला मिश्रा के पिता और भाई दोनों आर्मी से ताल्लुक रखते हैं इसलिए उनसे यह पूछा गया. जवाब में उन्होंने कहा कि डिफेंस में कई तरह के चैलेंजेस हैं लेकिन अब समय के साथ साथ वो सभी चैलेंजेस इंप्रूव हो रहे हैं. सबसे बड़ा चैलेंज इसमें महिलाओं के लिए था लेकिन अब महिलाओं को भी इसमें मौका मिल रहा है. डिफेंस के क्षेत्र में भारत बहुत आगे जा रहा है. इसके साथ ही इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के तर्ज पर काम किया जा रहा है जिससे ज्यादा से ज्यादा हथियार और अन्य उपकरण भारत में ही बन रहे हैं. 

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साड़ी पर बनी बॉर्डर क्या दर्शाती है? 

सबसे रोचक और सबसे अलग सवाल अपाला से यह पूछा गया कि उन्होंने साड़ी किस तरह की पहनी है और उनकी साड़ी पर बनी बॉर्डर क्या दर्शाती है. जवाब में उन्होंने कहा कि इस साडी के बॉर्डर पर वर्ली पेंटिग की गई है. यह महाराष्ट्र के सह्याद्री से आती है. बॉर्डर पर किया गया आर्ट वर्क सामान्य जन जीवन को दर्शाता है. 

भारत में अलग अलग भाषाएं हैं, इसको आप कैसे देखती हैं?

अपाला ने कहा कि भारत में कई तरह की भाषाएं बोली जाती हैं. यह अपने आप में भारत की एक विशेषता है. यह भारत में अनेकता में एकता को दर्शाता है. 

क्र‍िकेट वर्ल्ड कप किसे जीतता देखना चाहेंगे? 

साल 2018 में 53वीं रैंक पाने वाले बिहार के जमुई जिले के सुमित कुमार ने इस सवाल के जवाब में कहा कि मैं तो इंडिया को सपोर्ट कर रहा हूं और उसे ही जीतते हुए देखना चाहूंगा. पैनलिस्ट ने आगे कहा कि अगर आप दूसरी टीमों को भी देख रहे हैं तो क्या उनमें से भी कोई वर्ल्ड कप की दावेदार है. इस पर सुमित ने जवाब दिया कि टीमें तो ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की भी मजबूत दावेदार हैं. लेकिन, इंग्लैंड की पिचें स्कोरिंग हैं और उनके पास अच्छे हिटर्स भी हैं. इत्तेफाक से इंग्लैंड के लिए किया गया उनका प्रिडिक्शन अंत में सच भी निकला.

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