ज्यादातर लोगों को चॉकलेट खाना पसंद होता है. चॉकलेट के शौकीन अलग-अलग चॉकलेट खाना पसंद करते हैं. कई लोगों को डार्क चॉकलेट पसंद होती है तो कुछ लोगों को नॉर्मल चॉकलेट पसंद होती है. ऐसे ही चॉकलेट के दीवानों के लिए हम कुछ रोचक तथ्य लेकर आए हैं. चॉकलेट को लेकर कई मिथक भी हैं. आपने लोगों को कहते सुना होगा कि चॉकलेट खाने से दांत खराब हो जाते हैं, आपकी सेहत पर असर पड़ता है. हालांकि, आपको जानकर हैरानी होगी कि कई चॉकलेट ऐसी होती हैं जिन्हें खाने से आपकी सेहत अच्छी होती है. अगर आपको भी चॉकलेट पसंद है तो आइए जानते हैं चॉकलेट के बारे में कुछ रोचक तथ्य.
>व्हाइट चॉकलेट नहीं होती चॉकलेट: बहुत से लोग चॉकलेट की क्रेविंग होने पर व्हाइट चॉकलेट खाते हैं, लेकिन आपको बता दें, व्हाइट चॉकलेट दरअसल चॉकलेट होती ही नहीं हैं. व्हाइट चॉकलेट दूध, चीनी, वनीला और कोको बटर के मिक्सर से बनती है. इसलिए इसे चॉकलेट नहीं कहा जाता. असली चॉकलेट वही होती है जिसमें कोको बीन्स का इस्तेमाल किया जाता है. व्हाइट चॉकलेट में इसका इस्तेमाल नहीं होता.
>पेड़ से मिलती है चॉकलेट: चॉकलेट कोको के पेड़ों के फलों से बनाई जाती है. ये पेड़ मुख्य रूप से मध्य और दक्षिण अमेरिका में मिलते हैं. इन फलों में लगभग 40 कोको बीन्स होते हैं, जिन्हें बाद में सुखाकर चॉकलेट बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.
>जब करेंसी की तरह इस्तेमाल हुए कोको बीज: रीडर्स डाइजस्ट के एक आर्टिकल के मुताबिक, एज्टेक्स (एक प्राचीन सभ्यता) ने कोको बीन्स का इस्तेमाल करेंसी की तरह किया. उन्होंने लड़ाई में जीतने वाले सैनिकों को कोको बीन्स इनाम के रूप में दिए. यही नहीं, उस वक्त आप 100 कोको बीन्स के बदले एक टर्की (अमेरिका में पाया जाने वाला परिंदा) ले सकते थे.
>सेहतमंद होती है डॉर्क चॉकलेट: डार्क चॉकलेट खाने से हमारे शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं. डार्क चॉकलेट में मौजूद मैगनेशियम ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है. साल 2012 में आस्ट्रेलिया की एक स्टडी के अनुसार जो लोग थोड़े-थोड़े समय पर डार्क चॉकलेट खाते हैं, उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है. कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए भी डार्क चॉकलेट काफी फायदेमंद होती है. इसके सेवन से बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है. साल 2015 में हुई एक स्टडी में ये बताया गया कि डार्क चॉकलेट खाने से हमारा हार्ट सेहतमंद रहता है. एक स्टडी के मुताबिक, हर रोज डार्क चॉकलेट खाने से दिल की बीमारी या स्ट्रोक का खतरा बेहद कम हो जाता है.
>कभी दवाई के रूप में इस्तेमाल हुई चॉकलेट: रीडर्स डाइजेस्ट की मानें तो चॉकलेट पहले के समय में खाने में कड़वी लगती थीं. इनका इस्तेमाल पेट दर्द जैसी समस्याओं के लिए दवाई के रूप में किया जाता था. इसके बाद, जब कोको बीन्स को प्रोसेस करके इसमें चीनी, वनीला जैसी चीजें मिलाई गईं, तो ये देखते ही देखते ये लोकप्रिय हो गई. 17वीं शताब्दी में, चॉकलेट पूरे यूरोप में एक फैशनेबल ड्रिंक के रूप में इस्तेमाल होने लगी.
>कॉर्नमील और मिर्च मिलाकर इस्तेमाल की जाती थी चॉकलेट: मेसोअमेरिका में लगभग 1400 ई.पू. से चॉकलेट मौजूद थी. प्राचीन ओल्मेक बर्तनों में थियोब्रोमाइन (चॉकलेट और चाय दोनों में पाया जाने वाला एक कंपाउंड) के निशान पाए गए हैं. 16वीं शताब्दी तक, चॉकलेट केवल उस क्षेत्र में मौजूद थी. उस दौरान चॉकलेट में कॉर्नमील और मिर्च को मिलाकर एक कड़वा पेय तैयार किया जाता था. मीठी चॉकलेट तब अस्तित्व में आई जब यूरोपीय लोगों ने अमेरिका पर आक्रमण किया.