Earthquake in Delhi-NCR: मंगलवार दोपहर दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. यूपी और उत्तराखंड में कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप दोपहर 2:28 मिनट पर आया. भूकंप का केन्द्र नेपाल में जमीन के 10 किमी नीचे बताया जा रहा है. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.8 थी.
क्या होता है रिक्टर स्केल?
बता दें कि भूकंप की तीव्रता नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी खोज अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर और बेनो गुटरबर्ग ने 1935 में की थी. रिक्टर स्केल मूल रूप से किसी भूकंप के परिमाण को मापने के लिए तैयार किया गया था. विचार था कि भूकंप की तीव्रता को एक संख्या में व्यक्त किया जाए ताकि इसकी दूसरे भूकंपों के साथ तुलना की जा सके.
कैसे होती है तीव्रता की माप?
- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप हल्का होता है और सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन महसूस होता है.
- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.
- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर घरों की खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर और अन्य बड़े सामान तक हिल सकते हैं.
- 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
- 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं.
- 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं.
- 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही मच सकती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे जमीन लहराती हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ जाएगी.
भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप की एकदम सटीक भविष्यवाणी तो संभव नहीं है लेकिन ये जरूर पता लगाया जा सकता है कि धरती के नीचे किस इलाके में और किन प्लेट्स के बीच हलचल ज्यादा है.