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केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2023 पारित, जानिए किसका होगा फायदा?

Central Universities Amendment Bill 2023: विभिन्‍न राज्‍यों में शिक्षण और अनुसंधान के लिए केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों की स्‍थापना के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023 लाया गया है. इसका उद्देश्य जनजातीय कला, संस्कृति और रीति-रिवाजों के साथ-साथ तकनीकी सुधार में शिक्षा और अनुसंधान की सुविधाएं देना है.

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (फाइल फोटो-PTI)
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (फाइल फोटो-PTI)

Central Universities Amendment Bill 2023: केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023 गुरुवार को लोकसभा में पारित कर दिया गया है. विधेयक में केंद्रीय विश्‍वविद्यालय अधिनियम 2009 में संशोधन का प्रावधान है, जो विभिन्‍न राज्‍यों में शिक्षण और अनुसंधान के लिए केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों की स्‍थापना से संबंधित है. शिवसेना के राहुल शेवाले ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि प्रस्‍तावित जनजातीय विश्‍वविद्यालय से क्षेत्रीय आकांशाएं पूरी करने में मदद मिलेगी. पिछड़े, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन-जाति समुदायों के कल्‍याण के लिए उठाए गए कदमों के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की. 

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शिवसेना के राहुल शेवाले ने महाराष्‍ट्र में राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्‍थापित करने की भी सरकार से मांग की है. नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने विधेयक का समर्थन किया. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को लोकसभा में विधेयक पर चर्चा में कहा कि तेलंगाना सरकार की और से स्थान निर्धारण में देरी हुई, जिसके चलते इस विधेयक में देरी हुई.

क्या है केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023?
विभिन्‍न राज्‍यों में शिक्षण और अनुसंधान के लिए केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों की स्‍थापना के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023 लाया गया है.  ये विधेयक राज्य-व्यापी क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के साथ, विशेष रूप से तेलंगाना में स्थापित होने वाले हाल ही में प्रस्तावित "सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय" के लिए द्वार खोलता है. इसे विशेषकर जनजातीय समुदाय के लिए बेहतर अनुसंधान और उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में बड़ा कदम माना जा रहा है. गुरुवार को चर्चा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के जवाब के बाद ये बिल पारित हुआ.

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किसका होगा फायदा?
इस विधेयक का उद्देश्य जनजातीय कला, संस्कृति और रीति-रिवाजों के साथ-साथ तकनीकी सुधार में शिक्षा और अनुसंधान की सुविधाएं प्रदान करके, नया केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय देश की जनजातीय आबादी की सेवा और उच्च गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा और अनुसंधान के अपने दायरे में उन्नत ज्ञान प्रणालियों को बढ़ावा देना है. इसके अलावा, तेलंगाना में एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत जरूरी है, जिसने पूर्व आंध्र प्रदेश से एक अलग तेलंगाना राज्य की स्थापना की.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल अक्टूबर में तेलंगाना के महबूबनगर में एक सार्वजनिक रैली के दौरान तेलंगाना के "मुलुग" जिले में एक नए "केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय" की स्थापना की घोषणा की थी, जिसका नाम तेलंगाना में पूजनीय आदिवासी देवताओं "सम्मक्का और सरक्का" के नाम पर रखा जाना है. 

शुरू होगा 900 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट
सदन में विधेयक पर बेहस का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्‍द्र सिंह प्रधान ने कहा कि सम्‍मक्‍का-सरक्‍का केंद्रीय जनजातीय विश्‍वविद्यालय बनाने के प्रोजेक्ट काम करीब नौ सौ करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि तेलंगाना में 900 करोड़ रुपये में एक नए विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी. पीएम मोदी की नए जनजातीय विश्वविद्यालय की घोषणा के बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तेलंगाना में हाल ही में घोषित सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना की अनुमति देने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में संशोधन को मंजूरी दे दी.

पीटीआई इनपुट के साथ
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