अगर किसी किले या बंद गुफाओं और जंगलों में गए होंगे तो आपने चमगादड़ों को उल्टा लटके देखा होगा. यह ऐसा जीव है जो उल्टा लटकर सोता है और ऐसे ही उल्टा लटककर पूरी रात निकाल देता है. वे हाइबरनेट करने के लिए और यहां तक कि मृत्यु पर भी उल्टा लटके रहते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है चमगादड़ उल्टा लटककर क्यों सोता है? आइए जानते हैं इसकी वजह.
चमगादड़ आसमान में उड़ने वाला स्तनधारी जीव है लेकिन वह उल्टा सोता है. अपनी अनूठी शारीरिक क्षमताओं के कारण, चमगादड़ खुद को सुरक्षित रखने के लिए उन जगहों पर बस सकते हैं जहां वे शिकारी की पहुंच से दूर रह सकें. सोने के लिए चमगादड़ एक गुफा या खोखले पेड़ में खुदको उल्टा लटका लेते हैं. वे अपने पंख को शरीर के चारों तरफ लपेट लेते हैं.
चमगादड़ उल्टा लटककर क्यों सोते हैं?
पक्षियों के विपरीत, चमगादड़ को जमीन से टेकऑफ करने में परेशानी होती है. उनके पंख पक्षियों की तरह मजबूत नहीं होते हैं और वे इतनी तेजी से नहीं दौड़ सकते कि वे उड़ान की स्पीड बढ़ा सकें. इसके अलावा उनके पीछे के पैर छोटे और अविकसित होते हैं. हवा में उल्टा लटककर सोने की वजह से चमगादड़ को उड़ने में आसानी होती है. वे ऊंचे स्थान पर चढ़ने के लिए अपने सामने के पंजों का इस्तेमाल करते हैं और उड़ान भरते हैं. उल्टा लटककर वे उन शिकारियों से भी बचे रहते हैं.
उल्टा लटकने के बाद भी क्यों नहीं गिरते चमगादड़?
वास्तव में, उनके घुटने पीछे की ओर होते हैं. जब वे आराम करते हैं, तो विशेष टेंडन पैर की उंगलियों और पंजों को जगह में बंद कर लेते हैं, इसलिए वे लटकते समय ऊर्जा नहीं लगाते हैं. एक बार जब उनके पैर की उंगलियों और पैरों को डालियों या जगह में बंद कर दिया जाता है, तो उनके शरीर का वजन और गुरुत्वाकर्षण उन्हें लटकाए रखता है. पैर की मांसपेशियों को फ्लेक्स करने से, पैर की उंगलियां और पंजे छूट जाते हैं और उड़ान शुरू हो जाती है.
इंसान, चमगादड़ की तरह उल्टा क्यों नहीं लटक सकते?
इंसान ज्यादा देर उल्टा नहीं लटक सकता क्योंकि कुछ ही देर में इंसान का ब्लड सर्कुलेशन सिर तक पहुंच जाता है और पूल या इकट्ठा हो जाता है. लेकिन चमगादड़ का छोटा आकार उन्हें उल्टा लटकने में मदद करता है. उल्टा लटकने पर भी उनका दिल ब्लड की कम मात्रा उल्टी दिशा में सर्कुलेट कर सकता है.