दुबई में होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत इतिहास रचने को तैयार है. वैसे तो यूएई की धरती पर भारत का क्रिकेट खेलने का अनुभव काफी पुराना है. एक वक्त था जब शारजाह में भारत के खिलाड़ी चौके छक्के मारते नजर आते थे. लेकिन, यूएई में सट्टेबाजी का प्रभाव इतना ज्यादा बढ़ा कि वहां क्रिकेट का क्रेज धीरे-धीरे कम होने लगा और वहां की फ्लडलाइट्स भी थोड़ी मंद पड़ने लगी. यहां तक कि 2001 में भारत ने भी वहां खेलने से मना कर दिया था. शारजाह ने सबसे अधिक वनडे मैचों की मेजबानी के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बनाई थी.
मगर कुछ सालों से यूएई क्रिकेट के बड़े टूर्नामेंट्स के लिए फिर से मेजबान बनने लगा और अब कई इवेंट दुबई में करवाए जा रहे हैं. लेकिन, कभी आपने सोचा है कि आखिर क्रिकेट फ्रेंडली नेशन ना होने के बाद भी यूएई में क्रिकेट को लेकर इतना निवेश क्यों किया जा रहा है और इससे दुबई को कितना फायदा हो रहा है. तो समझते हैं कि पैसे के मामले में दुबई को क्रिकेट से कितना फायदा हो रहा है...
क्रिकेट बना दुबई का दोस्त
भले ही यूएई का क्रिकेट में कोई इतिहास नहीं रहा हो और क्रिकेट के पिच पर यूएई ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया हो, लेकिन अब दुबई की तरक्की में क्रिकेट का अहम योगदान है. दुबई को क्रिकेट खेलने का भले ही ज्यादा अनुभव नहीं रहा, लेकिन अब क्रिकेट करवाने का अनुभव काफी ज्यादा होता जा रहा है. अब यूएई में पांच टॉप स्टेडियम हैं. यहां तक कि क्रिकेट की सबसे अहम संस्था अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी का मुख्यालय भी लंदन की जगह दुबई में आ गया है.
साल 2021 के बाद से दुबई में क्रिकेट का चलन काफी तेजी से बढ़ा और दुबई कई इंटरनेशनल मैचों के साथ कई क्रिकेट लीग का गवाह बना. साल 2021 में दुबई क्रिकेट को बूस्ट मिला, जब आईपीएल का एक हिस्सा UAE में ट्रांसफर कर दिया गया. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बिना दर्शकों के ही अमीरात क्रिकेट बोर्ड ने उस टूर्नामेंट से $25 मिलियन तक की कमाई की. इसके बाद दुबई में कई इंटरनेशनल मैच हुए. दुबई में क्रिकेट के बढ़ने का कारण ये भी है कि दुबई के दोनों ओर अफ्रीका, एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट के 2 बिलियन से अधिक लोग यहां रहते हैं.
कितनी हो रही है कमाई?
रिपोर्ट्स के अनुसार, खेल क्षेत्र ने दुबई में सालाना चार बिलियन AED (2021 के आंकड़े) से अधिक का योगदान दिया है, जो 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा है. पिछले दस सालों का ये आंकड़ा 10 बिलियन डॉलर तक भी हो सकता है, लेकिन अभी इसके आधिकारिक आंकड़े सामने नहीं आए हैं.
दुबई स्पोर्ट्स काउंसिल के 2021 के आंकड़ों के अनुसार, अब स्पोर्ट्स में 20,000 लोग काम कर रहे हैं और इससे 1.5 मिलियन से ज्यादा लोग इससे जुड़े हुए हैं. स्टेटिस्टा की मार्केट रिपोर्ट के अनुसार, यूएई को अमीरात में खेले जाने वाले क्रिकेट से सिर्फ 2025 में ही करीब 45 मिलियन डॉलर की कमाई होने की उम्मीद है और इसमें डिजिटल राइट्स आदि की वजह से इजाफा होना संभव है. इसके साथ ही 2025 से 2029 तक ये इजाफा हर साल 1.18 फीसदी के हिसाब से लगातार बढ़ने वाला है.
Cred पर छपी वेबसाइट के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात ने क्रिकेट को लेकर 1.7 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च किए थे और इसने खेलों से सीधे तौर पर 420 मिलियन डॉलर कमाए हैं. इसके साथ ही शॉपिंग और हॉस्पिटैलिटी की वजह से ये कमाई 620 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई थी. इसके अलावा इन मैचों से दुबई में हर साल 14,500 नौकरियां भी पैदा हो रही हैं, जिससे दुबई की अर्थव्यवस्था और मजबूत हो रही है.