कोरोना की सेकेंड वेव और चार मई से बोर्ड एग्जाम..पूरे देश में अभिभावक और पेरेंट्स परीक्षाओं को लेकर विरोध कर रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सीबीएसई बोर्ड एग्जाम कैंसिल कराने की मांग की है. राजधानी में सीबीएसई बोर्ड एग्जाम कराने से 6 लाख विद्यार्थियों और एक लाख टीचर्स के लिए जोखिम भरा हो सकता है. आइए जानें- क्या होगी भयावहता.
दिल्ली सीएम ने कहा कि दिल्ली में 6 लाख बच्चे CBSE की परीक्षा देने जा रहे हैं. करीब एक लाख शिक्षक इसका हिस्सा होंगे. ये सब बड़े पैमाने पर कोरोना फैला सकते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों का जीवन और स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने सीबीएसई परीक्षा रद्द करने के लिए केंद्र से अनुरोध किया है.
जिस तरह कोरोना की रफ्तार दिल्ली में बढ़ रही है, उसके बाद से सरकार लगातार चिंता में हैं. दिल्ली में इससे बचाव के विकल्प को देखते नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. अब सरकार चार मई को होने जा रहे बोर्ड एग्जाम को लेकर चिंतित है. केजरीवाल सरकार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से ऑफलाइन एग्जाम के बजाय कुछ वैकल्पिक तरीकों के बारे में सोचने के लिए कहा है.
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि इस साल सीबीएसई बोर्ड को ऑनलाइन पद्धति या आंतरिक मूल्यांकन आदि के आधार पर बच्चों को प्रमोट कर सकता है. लेकिन किसी भी हाल में सीबीएसई की परीक्षा रद्द की जानी चाहिए. सरकार ने इसके पीछे कोरोना की दूसरी लहर के चलते लगातार बदहाल होते राजधानी के हालातों का हवाला दिया.
हाल ही में, शिक्षा निदेशालय (DoE) ने कहा था कि कक्षा 9 से 12 के छात्रों को कक्षाओं या परीक्षाओं किसी के लिए भी स्कूल नहीं बुलाया जाएगा. इसके लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने निर्देश जारी किए थे कि स्कूलों को किसी भी अन्य शैक्षणिक या गैर-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए फिर से खोला नहीं जाएगा. इसके बावजूद सीबीएसई ने अभी तक ऑफलाइन परीक्षाओं के विकल्प को लेकर कोई भी फैसला नहीं किया है.
दिल्ली के हालात को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली में अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज़ आ रहे हैं, अभी हर राज्य के मरीज के लिए अस्पतालों को खोला गया है. मंत्री बोले कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी नहीं है, अधिकतर अस्पतालों को बैंकट हॉल के साथ जोड़ा जा रहा है. मंत्री ने कहा कि दिल्ली में वैक्सीनेशन तेज़ी से हो रहा है, अगले पांच दिन का स्टॉक हमारे पास है. हमने केंद्र से अपील की है कि दिल्ली में स्थित केंद्र के अस्पतालों में बेड्स की संख्या बढ़ाई जाए.
बता दें कि सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 4 मई से 10 जून के बीच होनी हैं. परीक्षाओं के नतीजे 15 जुलाई तक आएंगे. इसके लिए अभिभावक व छात्र Change.org पर एक पीटिशन में शिक्षा मंत्रालय से इन परीक्षाओं को रद्द करने की गुज़ारिश कर रहे हैं. सिर्फ एक नहीं बल्कि change.org पर तमाम पीटिशन पोस्ट किए गए हैं. जिसमें देश भर के छात्र व अभिभावक सरकार से बोर्ड परीक्षा जैसे इतने बड़े आयोजन को कैंसिल करने की मांग कर रहे हैं.
छात्रों का बड़ा सवाल यह है कि अगर कोई छात्र एक या दो परीक्षा देने के बाद कोरोना संक्रमित हो जाता है तो वो अगले एग्जाम कैसे देगा. ऐसे में आइसोलेशन में जाने पर उसके सामने एग्जाम की बड़ी चिंता होगी. अगर परीक्षा सेंटर पर अलग आइसोलेशन रूम में लक्षण वाले बच्चों में कोरोना है तो उनकी कांटैक्ट ट्रेसिंग कैसे होगी. ऐसी तमाम प्रैक्टिकल बातें हैं जिसके चलते एग्जाम को लेकर कमोबेश देश भर से एक जैसी मांग ही उठ रही है.