उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल में छात्रों को खेती-किसानी की भी क्लासेस दी जा रही हैं. यूपी के हमीरपुर जिले में एक सरकारी स्कूल के टीचर्स बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के साथ साथ मशरूम की खेती भी सिखा रहे हैं. यहां छात्र-छात्राओं को मशरूम की खेती के साथ इसमें होने वाले खर्च और रख-रखाव तक की जानकारी दी रही है.
हमीरपुर जिले में अभी भी कुछ विद्यालय ऐसे हैं जिन्होंने शिक्षा को एक अलग ही दर्जा दे रखा है. जिसमे विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ तमाम तरह की ट्रेनिंग भी दी जाती हैं. ऐसा ही एक स्कूल है.
हमीरपुर जिले में लोदीपुर निवादा का सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय, जिसके छात्र-छात्राओं को इन दिनों मशरूम की खेती करने की ट्रेनिंग दी जा रही है, जो छात्रों के भविष्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी.
विद्यालय के प्रधानाध्यापक डॉ धर्मेंद्र सिंह ने बताया की मशरूम की खेती मात्र एक छोटे से खर्च से ही शुरू की जा सकती है. इसमें सामाग्री कीटनाशक, पानी, भूसा और बीज व कुछ अन्य दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली चीजों की आवश्यकता होती है.
आपको इन सभी चीजों का एक मिश्रण बनाकर तैयार कर लेना है. उसके बाद भूसा उपचारित होने के बाद पन्नी के बंडलों में परत दर परत बीजों को रखते हुए बंद कमरे में रख देना है.
करीब 15 से 20 डिग्री कमरे का तापमान होने पर बीज अंकुरित होना शुरू कर देते हैं. लगभग 20 दिनों के बाद मशरूम पूरी तरह तैयार हो जाता है. यही मशरूम स्कूल के छात्रों को मिड डे मील के तहत भोजन में दिया जाता है.