भारत के महान ऑलराउंडर कपिल देव का आज 62वां है. उनके फैन और क्रिकेट प्रशंसक उनका बर्थ डे सेलिब्रेट कर रहे हैं. उनके जन्मदिन से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को दिल का हल्का दौरा पड़ने की खबरें आ चुकी हैं. इससे पहले अक्टूबर में कपिल देव भी दिल के दौरे का शिकार हो चुके हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि फिटनेस से इतना करीब से जुड़े खिलाड़ियों को भला कैसे दिल का दौरा पड़ सकता है. aajtak.in ने हृदय रोग विशेषज्ञ से इसके जवाब जाने.
(रिपोर्ट: मानसी मिश्रा)
हार्ट फाउंडेशन ऑफ इंडिया के संस्थापक पद्मश्री डॉ केके अग्रवाल कहते हैं कि डॉक्टर दिल के मरीजों को एक्सरसाइज की सलाह देते हैं. लेकिन कई मरीजों का ये तर्क रहता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि दिन का लंबा समय फिटनेस को समर्पित रखने वालों को भी हार्ट की समस्या कैसे होती है. इसको समझना बहुत जरूरी है. इसके पीछे की वजहें कुछ इस तरह से हैं.
वो कहते हैं कि खिलाड़ी को एथलीट की तरह तैयार किया जाता है. उनकी जीवनशैली जटिल व्यायामों पर आधारित होती है. आपको बता दें कि बेहद जटिल एक्सरसाइज करने वाले एथलीट का दिल सामान्य व्यक्ति की तुलना में आकार से दोगुना बड़ा और अधिक सक्षम हो सकता है. लेकिन इस प्रक्रिया में दिल पर दबाव भी ज्यादा बढ़ जाता है जो कि समस्या की बड़ी वजह है.
सफदरजंग अस्पताल की हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ प्रीति गुप्ता कहती हैं कि एथलीट होना आसान बात नहीं है. वो हार्ड एक्सरसाइज के साथ साथ बड़े परफार्मेंस प्रेशर और स्ट्रेस को डील करते हैं. उनकी लाइफस्टाइल आम आदमी की तुलना में काफी हेक्टिक होती है. सबसे बड़ी बात ये कि हम या आप उनकी तमाम आदतों को बहुत करीब से नहीं जानते. इसमें स्मोकिंग वगैरह भी शामिल हो सकती है.
बता दें कि अक्टूबर 2020 में कपिल देव को दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ा था. डॉ प्रीति कहती हैं कि एथलीट का वर्कआउट आठ घंटे से ज्यादा का होता है. जिन लोगों का वर्कआउट अधिक होता है, वो भी हार्ट के लिए मुश्किल होता है. नॉर्मल लोगों को आधा घंटा वर्कआउट की सलाह दी जाती है.
डॉ प्रीति के अनुसार आठ घंटे से ज्यादा एक्सरसाइज करने से हार्ट में डाइलेशन और ड्रेडीकार्डिया के साथ चेंज आने लगते हैं. उनके बॉडी की डिमांड हाई हो जाती है. शरीर के साथ भी डिमांड-सप्लाई-बैलेंस का फार्मूला चलता है. इनके शरीर में ऑक्सीजन की डिमांड ज्यादा होती जाती है. पहले उसकी सप्लाई और खपत का बैलेंस रहता है, लेकिन उम्र के साथ ये बैलेंस बिगड़ने लगता है.
अक्सर होता है कि उनके बॉडी की एज बढ़ने के साथ साथ जो ब्लड वेसेल्स सिकुडने लगती हैं. आर्ट्ररीज में फैट सेल इकट्ठा होने लगते हैं. ऐसे में भी जब डिमांड से ज्यादा एक्सरसाइज के चलते उनके शरीर को नुकसान पहुंचता है, खासकर हार्ट के लिए ज्यादा नुकसान पहुंचने लगता है.
बता दें कि कुछ ही समय पहले गांगुली को दिल का हल्का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी एंजियोप्लास्टी की गई. शनिवार को गांगुली की रिपोर्ट में हृदय से संबंधित 'ट्रिपल वेसेल डिजीज' का पता चला. उनके हृदय की तीन कोरोनरी धमनियां अवरूद्ध हो गई हैं. अब उनकी दूसरी एंजियोप्लास्टी बाद में होने की संभावना है.