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एजुकेशन न्यूज़

बिहार चुनाव में JNU के पूर्व नेता: मां की पढ़ाई करवाई, राजनीति के लिए ठुकराई नौकरी

Sandeep Saurav Bihar paliganj candidate
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बिहार चुनाव में नामांकन की प्रक्र‍िया शुरू हो गई है.  साल 2013-2014 में जवाहर लाल नेहरू स्टूडेंट यूनियन (JNUSU) में जनरल सेक्रेटरी रहे संदीप सौरव भी पालीगंज विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कभी राजनीति के लिए सरकारी नौकरी का ऑफर ठुकराने वाले संदीप सौरव एक ऐसे युवा प्रत्याशी हैं जो छात्र राजनीत‍ि का लंबे समय से चेहरा हैं. 

Sandeep Saurav Bihar paliganj candidate
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किसान परिवार में जन्मे संदीप सौरव अपने चार भाई बहनों में सबसे छोटे हैं. उनके माता पिता दोनों का निधन हो चुका है. साल 2004 में जब वो 17 साल के थे तो पिता का निधन हो गया. 

Sandeep Saurav Bihar paliganj candidate
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फिर साल 2014 में मां को कैंसर हो गया. संदीप बताते हैं कि तीन साल तक अपनी पढ़ाई के साथ साथ मां का इलाज कराते रहे. लेकिन 2017 में मां भी मुझे छोड़कर चली गईं. लेकिन मां हमेशा मेरे लिए प्रेरणास्रोत रहीं. 

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Sandeep Saurav Bihar paliganj candidate
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संदीप कहते हैं कि मैं आज जो भी हूं, मां की प्रेरणा से हूं. मेरी मां से मैंने बहुत कुछ सीखा है. मेरी मां की जब शादी हुई थी वो सिर्फ मैट्रिक पास थीं, फिर शादी के बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की. मैंने पीजी करने में उनकी हेल्प की. फिर उन्होंने बिहार पब्ल‍िक सर्विस कमीशन की भी परीक्षा पास की. 

Sandeep Saurav Bihar paliganj candidate
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मां ने अपने संघर्ष से चार बच्चों को पालते हुए गरीबी में रहकर अपनी पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने कुछ महिलाओं की मदद से मेरे गांव ब्यापुर में एक गर्ल्स हाईस्कूल खोला. आज भी दसवीं तक चल रहे इस स्कूल से इलाके के आसपास की लड़कियां श‍िक्षा पा रही हैं. 2017 तक मां को स्कूल से डेढ़ दो हजार तक पेमेंट मिलती रही. अब सरकार ने स्कूल को मान्यता दे दी है तो सैलरी वगैरह कुछ अच्छी हो गई है. 

Sandeep Saurav Bihar paliganj candidate
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संदीप सौरव बताते हैं कि उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद जेएनयू में पढ़ाई करने आ गया. मेरा सपना था एकेडमिक में करियर बनाना. लेनिक यहां छात्र राजनीति में हिस्सा लेना शुरू कर दिया. मुझे तब लगा कि राजनीति में युवाओं की बहुत जरूरत है. 

Sandeep Saurav Bihar paliganj candidate
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यहां जेएनयू में 2016 तक पीएचडी पूरा करने के बाद 2017 तक वाइवा हुआ. इसके बाद तीन साल से आइसा से जुड़कर पूरे देश में छात्र राजनीति कर रहा हूं. वो बताते हैं कि इस बीच में उनका बिहार में असिस्टेंट प्रोफसर पद पर चयन हो गया. ये पहला मौका था कि मेरे परिवार में किसी की सरकारी नौकरी लगी थी.

Sandeep Saurav Bihar paliganj candidate
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पहले मैंने सोचा कि एकेडमिक में रहते हुए मैं राजनीति करूंगा, लेकिन ये संभव नहीं होता. क्योंकि सुख सुविधाओं में रहने की आदत पड़ जाने के बाद जमीनी मुद्दों से जुड़ पाना उतना आसान काम नहीं होता. इसलिए इस दौरान मैंने अपने राजनीतिक गुरु से राय मांगी तो उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम्हारे परिवार में कोई सरकारी नौकरी नहीं पाया तो किसी ने फुल टाइम कम्युनिस्ट के तौर पर देश की सेवा की है. 

संदीप सौरव
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उनकी इस बात से मुझे भीतर तक हिला दिया और मैंने सरकारी नौकरी ठुकराकर राजनीति में आने की सोची. वो कहते हैं कि आज बिहार की राजनीत‍ि में पढ़े-ल‍िखे युवा मस्त‍िष्कों की सबसे ज्यादा जरूरत है. इसलिए मैं पालीगंज में महागठबंधन के लिए सीपीआईएमएल की सीट से चुनाव लड़ रहा हूं. इसके लिए क्राउड फंडिंग के जरिये शुभचिंतक मेरी मदद कर रहे हैं. 

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