बिहार की राजनीति में लालू यादव के उत्तराधिकारी के तौर पर उनके बेटे तेजस्वी यादव को देखा जाता है. प्रखर वक्ता और राजनीति की पैनी समझ रखने वाले तेजस्वी की एजुकेशन को लेकर विरोधी कई बार सवाल उठा चुके हैं. आइए जानते हैं- कितना पढ़े-लिखे हैं बिहार की राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी तेजस्वी यादव.
लालू यादव के बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव का जन्म 10 नवंबर 1989 को हुआ था. क्रिकेटर से राजनीति तक के उनके सफर में कहीं न कहीं पढ़ाई लिखाई में वो पिता से काफी पीछे रह गए. वो 2015 में डेढ़ साल तक नीतीश कुमार सरकार में बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे. वर्तमान में बिहार विधानसभा में विपक्ष के मुखर नेता और देश के सबसे युवा विपक्षी नेता के तौर पर पहचाने जाते हैं.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को महज 26 साल की उम्र में बिहार का उप मुख्यमंत्री बनने का श्रेय भी मिल चुका है. बता दें कि राजनीति में एंट्री से पहले तेजस्वी यादव क्रिकेट की दुनिया में थे. उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में भी झारखंड का प्रतिनिधित्व किया था.
वो 2008 से 2012 तक चार साल IPL टीम का भी हिस्सा रहे, वो दिल्ली डेयरडेविल्स टीम में थे. लेकिन उन्होंने आईपीएल में एक भी मैच नहीं खेला. इसका जिक्र स्वयं उनके पिता सदन तक में कर चुके हैं. एक मुद्दे पर बोलते हुए लालू प्रसाद ने कहा था कि मेरा बेटा तेजस्वी दिल्ली की टीम का हिस्सा है, लेकिन उसने अब तक खिलाड़ियों को मैदान पर पानी की बोतलें ही पहुंचाई हैं. वे उसे खेलने का मौका नहीं देते हैं.
अगर शिक्षा की बात करें तो तेजस्वी अपने पिता लालू यादव से पढ़ाई लिखाई के मामले में काफी पीछे रहे हैं. लालू यादव जहां वकालत की पढ़ाई कर चुके हैं, वहीं तेजस्वी सिर्फ नौंवीं पास और स्कूल ड्रॉप आउट हैं. हालांकि उन्होंने क्रिकेट में करियर बनाने के लिए पढ़ाई छोड़ दी थी. उनके भाई तेजप्रताप भी 12वीं ही पास हैं.
(मां राबड़ी देवी और भाई तेजप्रताप के साथ तेजस्वी यादव)
भले ही शिक्षा के क्षेत्र में वो बहुत आगे नहीं हैं, लेकिन राजनीति के गुर उन्हें अपने पिता से मिले हैं. तेजस्वी एक प्रखर वक्ता के तौर पर जाने जाते हैं जो अपने तर्क से विपक्षी पार्टी को चुप कराने की महारत रखते हैं.
नीतीश कुमार के बाद तेजस्वी बिहार की राजनीति में सबसे पहचाना हुआ नाम बन चुके हैं. अपने मिलनसार स्वभाव और लोगों को रिस्पांस देने में वो काफी आगे रहते हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया में भी वो काफी सक्रिय रहते हैं. इस बार के बिहार चुनाव में अपनी पार्टी की कमान को वो बखूबी संभाले हुए हैं.
अगर क्रिकेट कॅरियर की बात करें तो राजनीति में प्रवेश से पहले तेजस्वी यादव रणजी ट्रॉफी मैच में मध्य-क्रम के बल्लेबाज के रूप में पहचाने जाते थे. उन्होंने कभी क्रिकेट में ही करियर बनाने की सोची थी, लेकिन चारा घोटाले में पिता के जेल में जाने के बाद उनका नाम राजनीतिक जगत में आने लगा.
यहां से जीता चुनाव
तेजस्वी यादव पहली बार राघोपुर निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधान सभा के लिए 2015 में राष्ट्रीय जनता दल पार्टी से जीते थे. इसके बाद नितीश सरकार में नवंबर 2015 और जुलाई 2017 के बीच बिहार के उप मुख्यमंत्री रहे. उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव भी बिहार सरकार में मंत्री थे.