कुछ ही दिनों में बोर्ड परीक्षा शुरू हो जाएंगे. बोर्ड परीक्षा हर स्टूडेंट्स के लाइफ में एक महत्वपूर्ण फेज होता है. परीक्षा की तारीख की घोषणा के बाद से ही बच्चों में स्ट्रेस काफी बढ़ जाता है.
इस दौरान सही दिशा में पढ़ाई करना काफी जरूरी है. कई बार स्टूडेंट्स परीक्षा को लेकर कुछ सामान्य गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उनका रिजल्ट खराब हो जाता है. इसके साथ ही कई स्टूडेंट्स तो स्ट्रेस में याद किया भी भूल जाते हैं.
तो चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं कि स्टूडेंट्स को परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास होने के लिए किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए.
सबसे पहले ये बात जान लें कि आपको सभी सब्जेक्ट में अच्छे नंबर लाने हैं, तभी आपका रिजल्ट अच्छा होगा. कई स्टूडेंट्स तैयारी के दौरान अपने फेवरेट सब्जेक्ट को लगातार पढ़ते रहते हैं और जिस सब्जेक्ट में कमजोर होते हैं, उसे नहीं पढ़ते. ऐसा करने से आपका रिजल्ट खराब हो जाएगा.
कई स्टूडेंट्स किसी भी विषय को समझने के बजाय रट्टा मारने पर यकीन करते हैं. उन्हें ये लगता है कि वे किसी टॉपिक को समझने में समय बर्बाद करने की जगह वे किसी भी टॉपिक को रट को अच्छे नंबरों से पास हो जाएंगे. लेकिन कई बार परीक्षा के दौरान रट्टा मारकर परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के दिमाग से कुछ चीजें निकल जाती हैं. ऐसे में पेपर खराब हो जाता है. अगर आप टॉपिक समझ कर जाएंगे तो आप अपने शब्दों में उसे आसानी से लिख देंगे.
कई बार ऐसा देखा जाता है कि स्टूडेंट्स परीक्षा के 1-2 दिन पहले भी नए टॉपिक को पढ़ते रहते हैं. ऐसा भूलकर भी न करें नहीं तो आपका पेपर खराब हो जाएगा. परीक्षा के दौरान सिर्फ रिवीजन करें, नया टॉपिक पढ़ने से सिर्फ समय बर्बाद होगा और आपका कॉन्फिडेंस कम होगा.
परीक्षा के दौरान सिर्फ रिवीजन और मॉडल टेस्ट पेपर सॉल्व करना सही होगा. इस दौरान सिर्फ पढ़े गए टॉपिक का रिवीजन करें और पिछले साल का क्वेश्चन पेपर सॉल्व करें.
मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कम से कम 7 घंटे की नींद जरूरी है. इसके साथ ही हेल्दी फूड और डेली एक्सरसाइज जरूरी है. आप मेडिटेशन भी कर सकते हैं, इससे मेंटल स्ट्रेस कम होता है.
परीक्षा के दौरान घर में शांत और खुशनुमा माहौल बनाए रखें.
इस दौरान बच्चों को जंक फूड की जगह हेल्दी फूड खाने को दें.
किसी अन्य बच्चे से अपने बच्चों की तुलना न करें, हर बच्चा अपने आप में स्पेशल होता है.
बच्चों के साथ दोस्ताना बर्ताव करेंगे तभी वह आपसे खुलकर बात कर पाएगा.
कभी भी बाहर के लोगों के सामने बच्चों की आलोचना न करें.