CBSE 10,12 Result 2021: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 12वीं कक्षा के छात्रों के एसेसमेंट को लेकर विशेषज्ञ पैनल काम कर रहा है. रिजल्ट के लिए मार्किंग क्राइटेरिया तैयार करने के लिए विशेषज्ञ कमेटी बनाई गई है. कहा जा रहा है कि पैनल दसवीं और ग्यारहवीं कक्षा के नंबर के अलावा इंटरनल एग्जाम और प्री-बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट शामिल कर सकता है. आइए जानते हैं कि 12वीं कक्षा के रिजल्ट में क्या क्या प्वाइंट शामिल हो सकते हैं.
12वीं कक्षा के परिणामों को लेकर अभी से बहुत अनुमान लगाए जा रहे हैं. कई विशेषज्ञ कह रहे हैं कि शायद बोर्ड इस बार मार्कशीट के बजाय ग्रेड दे सकता है. वहीं अगर रिजल्ट मार्कशीट के तौर पर तैयार किया गया तो उसमें कई इंटरनल एग्जाम के नंबर जुड़ सकते हैं. इसमें प्री बोर्ड से लेकर 'वाइवा वॉयस' परीक्षा के परिणामों की गणना भी हो सकती है.
कहा जा रहा है कि सीबीएसई अंकों के बजाय छात्रों को ग्रेड देने पर भी विचार कर रहा है. सूत्रों के अनुसार पैनल ने वैकल्पिक मूल्यांकन के लिए उचित मानदंड तैयार करने के लिए कई स्कूलों के प्रधानाचार्यों से परामर्श किया है. इसमें से एक सुझाव यह था कि छात्रों को पिछली परीक्षाओं के अंकों के आधार पर ग्रेड दिए जाने चाहिए. सूत्रों के मुताबिक परिणामों की गणना एक छात्र के पिछले प्रदर्शन के आधार पर की जाएगी, इसलिए अंक देना उचित प्रक्रिया नहीं हो सकती है.
ऐसा भी अनुमान है कि सीबीएसई 10वीं और 12वीं में A1, A, B1, B, C1, C, D, और E जैसे ग्रेड प्रदान कर सकता है. अभी फिलहाल दो दिनों बाद मार्किंग स्कीम जारी होगी. सीबीएसई द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने एक विकल्प के रूप में ग्रेड देने पर चर्चा की है. व्यापक सर्वसम्मति दसवीं कक्षा के बोर्ड, ग्यारहवीं कक्षा की स्कूल परीक्षा और कक्षा 12वीं के प्री-बोर्ड में प्राप्त अंकों पर बन सकती है.
कहा जा रहा है कि बारहवीं कक्षा के छात्र जिनकी अंतिम परीक्षा रद्द कर दी गई थी, उन्हें पहले स्कूलों द्वारा आयोजित प्री-बोर्ड में उनके प्रदर्शन और दसवीं और ग्यारहवीं कक्षा में उनके अंकों के आधार पर भी आंका जा सकता है. शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव विपिन कुमार की अध्यक्षता में सीबीएसई द्वारा गठित एक समिति से मिली जानकारी के अनुसार परिणाम तय करने में एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में पिछली परीक्षाओं के प्रदर्शन को रखा जा सकता है.
गौरतलब है कि 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए जो मानदंड सामने आ सकते हैं, उनमें कई उन मानदंडों में समानताएं हो सकती हैं, जिनके आधार पर दसवीं कक्षा के छात्रों का असेसमेंट किया जाएगा. सीबीएसई ने पिछले महीने लगभग समान स्थिति में दसवीं कक्षा के छात्रों को अंक देने के लिए 17 पन्नों का एक सर्कुलर जारी किया था, इसके आधार पर दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए अंक मोटे तौर पर दो व्यापक तरीकों के आधार पर दिए जाएंगे.
इसमें दसवीं के रिजल्ट में पिछली परीक्षाओं और कक्षाओं में छात्र का प्रदर्शन और साथ ही पिछली बोर्ड परीक्षाओं में स्कूल का प्रदर्शन भी शामिल किया है. इसमें अलावा दसवीं कक्षा के लिए, बोर्ड ने एक ही समय में अंक निर्धारित करने में सतर्क रहने की कोशिश की थी. दसवीं कक्षा के लिए 1 मई को जारी सर्कुलर के अनुसार, बारहवीं कक्षा की परीक्षा रद्द होने से ठीक एक महीने पहले, स्कूल प्राचार्यों और शिक्षकों के साथ समितियों को अंक आवंटित करने के लिए कहेंगे.
दसवीं के मूल्यांकन के लिए ये निर्णय लिया गया था कि रिजल्ट तैयार करते वक्त समय-समय पर होने वाली परीक्षाओं, अर्धवार्षिक परीक्षाओं और प्री-बोर्ड परीक्षाओं को वेटेज दिया जाएगा. हालांकि, इस प्रोसेस के लिए यह भी कहा गया कि अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग मार्किंग मानक हो सकते हैं. इसलिए किसी भी तरह के विषम परिणामों की संभावना को खत्म करने के लिए, सीबीएसई ने स्कूलों को पिछली बोर्ड परीक्षाओं में अपने स्वयं के प्रदर्शन के आधार पर अपने परिणामों को मॉडरेट करने के लिए कहा है.