पूरे लॉकडाउन यानी करीब दस माह से बच्चे कंप्यूटर, आईपैड, मोबाइल के जरिये टीचर्स से मिल रहे थे. लेकिन अब बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए दिल्ली के स्कूलों को 18 जनवरी यानी आज से फिर खोला गया है. तस्वीरों में देखें कि स्कूलों में किस तरह बच्चे अपने काम में जुटे दिखाई दिए.
स्कूलों का जायजा लेने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया कैंपस पहुंचे. यहां उन्होंने स्कूलों की व्यवस्था देखने के साथ ही बच्चों से भी मुलाकात की. बता दें कि कोविड-19 के लिए जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी प्रोटोकॉल के साथ स्कूलों को खोला गया है.
मयूर विहार फेस 3 स्थित विद्या बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कोरोना महामारी के बाद कक्षा दसवीं बारहवीं तक स्कूल खुले.स्कूल मैनेजमेंट ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बच्चों की सेफ्टी के बंदोबस्त किए थे.
बता दें कि स्कूलों में बच्चों के आने से पहले पूरे वीकेंड तैयारियां जारी रहीं. स्कूलों को लंबे समय के बाद खोला रहा था तो लैब, क्लासरूम से लेकर कैंपस के सभी हिस्सों में सफाई और सेनिटाइजेशन किया गया था. स्कूलों में स्टूडेंट को प्रवेश द्वार पर ही बच्चों को सेनिटाइज किया गया थर्मल गन से उनका तापमान चेक किया गया.
स्कूल के मेन गेट क्लासेज के टाइम से पहले खुलेंगे ताकि भीड़ न जमा हो. अभिभावकों को अपने बच्चों को समय पर स्कूल पहुंचाना होगा. अलग अलग क्लासेज के छात्रों की एंट्री में 15 मिनट का गैप होगा और स्कूल अपने सभी एंट्री गेट्स से छात्रों की एंट्री करेंगे.
दिल्ली में लागू नियमों के अनुसार छात्र केवल अभिभावकों की लिखित अनुमति के साथ ही स्कूल में एंट्री पा सकेंगे. जिन छात्रों के पास अभिभावकों द्वारा दिया गया कंसेंट लेटर नहीं होगा उन्हें स्कूल के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
कोई भी छात्र, शिक्षक या कर्मचारी, जो कोरोना वायरस से संक्रमित है, उन्हें स्कूल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जिन कर्मचारियों या छात्रों में कोरोना के लक्षण हैं, उन्हें भी स्कूल में एंट्री नहीं मिलेगी. स्कूल के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी.
बता दें कि अभिभावकों की अनुमति से ही स्टूडेंट स्कूल में एंट्री पा सकेंगे. स्कूल में असेंबली, गैदरिंग, एक्सट्रा करिकुलर या फिजिकल एक्टिविटी की अनुमति नहीं है. स्कूल केवल जरूरी क्लासेज और प्रैक्टिकल्स के लिए खोले गए है.
शिक्षामंत्री ने कहा कि स्कूलों में वापस लौटकर बच्चे सेफ्टी नॉर्म्स के साथ एडजस्ट कर रहे हैं, लेकिन अपने दोस्तों से मिलकर बहुत खुश हैं. छात्रों से मिलकर शिक्षकों में भी अलग तरह की ही खुशी है टीचर कह रहे हैं कि जैसे उनके जीवन में एक खाली जगह भर गई हो.
एएनआई से बातचीत में दिल्ली के शिक्षामंत्री ने कहा कि स्कूलों में बच्चों को वापस देखना अच्छा लग रहा है. बच्चे भी खुश हैं, अब जिंदगी पटरी पर लौट रही है. बच्चे लंबे समय से घर पर बैठे रहने और ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के चलते नाखुश थे. अब सभी प्रोटोकॉल के साथ स्कूलों को प्रतिबंधित तरीके से फिर से खोला गया है.