प्रेग्नेंट महिलाओं में वैक्सीन को लेकर बसा डर अभी तक पूरी तरह नहीं निकला है. केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार शाम कोविड वैक्सीन संबंधी गाइडलाइन से प्रेग्नेंट महिलाओं के मन में चल रहे सभी सवालों को सुलझाने की कोशिश की है. महिलाओं में गर्भस्थ शिशु से लेकर अपनी सेहत को लेकर कई तरह के सवाल हैं, यही नहीं अगर किसी गर्भवती को कोरोना हो चुका है तो क्या वो भी वैक्सीन लगवा सकती है. वैक्सीन लगवाने पर किस तरह के लक्षण आएंगे, कहीं इसके साइड इफेक्ट तो नहीं होगा... इन सभी सवालों के जवाब के लिए पढ़ें गाइडलाइन का खास हिस्सा.
मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन से ठीक पहले स्वास्थ्य सचिव ने मीडिया द्वारा पूछे एक प्रश्न के जवाब में इस बात के संकेत दिए थे कि गर्भवती महिलाएं भी कोविड वैक्सीन लगवा सकती हैं. आईसीएमआर ने भी वैक्सीन को गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित बताया, जिसके बाद मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है. इसमें बताया गया है कि गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन क्यों जरूरी है और किस तरह की स्वास्थ्य की स्थिति वैक्सीन न लेने की स्थिति में अधिक गंभीर हो सकती है.
प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए वैक्सीन की गुणवत्ता और प्रभावकारिता के संदर्भ में आईसीएमआर द्वारा दी गई सिफारिशों को माना गया है. इन सिफारिशों के अनुसार गाइडलाइन में कहा गया है कि ऐसी गर्भवती माताएं जिनकी उम्र 35 साल से ज्यादा है, जो मोटापे की शिकार हैं, जिसको पहले से डायबिटीज या उच्च रक्तचाप की शिकायत है, या जिन्हें पैरों में खून का थक्का जमने की दिक्कत हैं, ऐसी महिलाओं को कोविड संक्रमण का जोखिम अधिक होता है. उनके लिए वैक्सीन सबसे ज्यादा जरूरी है.
प्रेग्नेंसी काल में कोरोना हुआ तो क्या लगेगी वैक्सीन?
गाइडलाइन के अनुसार ऐसे लक्षणों वाली मांओं को वैक्सीन लगवाना बहुत जरूरत है. साथ ही गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत में वर्तमान में उपलब्ध सभी वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं, ऐसी गर्भवती महिलाएं जिन्हें गर्भ के दौरान ही कोविड हुआ है, उनके लिए गाइडलाइन में कहा गया है कि वो प्रसव के तुरंत बाद कोविड वैक्सीन ले सकती हैं. उनके लिए तत्काल वैक्सीन लेना सेफ नहीं है.
ये होंगे वैक्सीन के बाद लक्षण
अन्य किसी भी वैक्सीन की तरह ही कोविड वैक्सीन लेने के बाद हल्का साइड इफेक्ट्स जैसे बुखार, दर्द और त्वचा पर रैशेज जैसी दिक्कत हो सकती है. गर्भवती मांओं के लिए भी ये लक्षण कुछ इसी प्रकार के होंगे. अगर ये लक्षण दो दिनों से ज्यादा रहते हैं तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. वैसे बेहद कम ऐसे मामले देखे गए हैं जबकि गर्भवती महिला को कोविड का वैक्सीन लगने के बीस दिन बाद स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें इतनी गंभीर देखी गईं कि उन्हें दवा की जरूरत पड़ी.
फिलहाल एक सवाल का जवाब अभी भी मिलना बाकी है, वो है कि कोविड-19 वैक्सीन का गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु पर दीर्घकालीन किस तरह का असर पड़ेगा, इस पर अभी अध्ययन किया जाना बाकी है. सरकार ने इस पर स्पष्ट कर दिया है कि अभी इसे लेकर पूरी दुनिया में रिसर्च की जा रही है. लेकिन ज्यादातर देशों में गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन लगाने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं.
अगर तत्काल असर की बात करें तो वैक्सीन से डरने की बात नहीं है क्योंकि वैक्सीन लेने के बाद सुरक्षित प्रसव देखा गया. मां की एंटीबॉडी गर्भस्थ शिशु को भी प्राप्त हुई, जिससे शिशु की भी कोरोना संक्रमण से सुरक्षा देखी गई. बेहद कम मामलों में यह देखा गया कि कोविड वैक्सीन लेने के बाद प्री मैच्योर या समय पूर्व प्रसव हुआ या नवजात का औसत वजन 2.5 किलोग्राम से कम देखा गया. महिलाओं और गर्भस्थ शिशु को कोविड से होने वाले संक्रमण के गंभीर खतरे को देखते हुए गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लेने के लिए सिफारिश की गई है.