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एजुकेशन न्यूज़

जानिए किस देश के टीचर्स की सैलरी दुनिया में सबसे ज्यादा है, इन 10 देशों की लिस्ट भी देखें

प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
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वैसे तो सरकारी स्कूलों में टीचर्स की जॉब भारत में भी काफी लोकप्रिय है. सरकारी स्कूलों में श‍िक्षक भर्ती के बाद सैलरी और सुविधाएं भी दी जाती हैं, फिर भी टीचर्स के आए दिन होने वाले विरोध-प्रदर्शन बताते हैं कि संतुष्टि के लिहाज से यहां टीचर्स उस मुकाम पर नहीं हैं कि लोग डॉक्टर-इंजीनियर या आईएएस आईपीएस के सपने को छोड़कर पहले टीचर बनना चुनें. यूं तो पूरी दुनिया में ही टीचर्स की सैलरी को लेकर उतना अच्छा माहौल नहीं है, लेकिन वहीं कई देश ऐसे हैं जहां हाईस्कूल टीचर बनना एक पूर्ण संतुष्ट‍ि से भरा करियर है. आइए जानते हैं किन देशों में हैं टीचर्स के हाइएस्ट पैकेज...

(रिपोर्ट: दीपाली जेना)

प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
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विश्व बैंक और लर्निंग पुलिस इंस्टीट्यूट के आंकड़े बताते हैं कि वैसे तो पूरी दुनिया में शिक्षकों को काफी कम वेतन दिया जाता है. यही वो एक कारण है कि तमाम देश शिक्षकों की कमी का सामना कर रहे हैं. नेशनल सेंटर फॉर एजुकेशन स्टैटिस्टिक्स से एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि संयुक्त राज्य में कई राज्यों ने 200-2010 के बाद से टीचर्स के वेतन में औसतन 4.6% कमी दर्ज की है. इसका परिणाम यह हुआ है कि यहां दूसरे देशों के शिक्षकों को आउटसोर्स करना पड़ा है. वहीं इसी कड़ी में कुछ देशों में श‍िक्षकों के वेतन काफी अच्छे हैं. 

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इस देश के टीचर्स को मिलती है सबसे ज्यादा सैलरी 

लक्ज़मबर्ग जहां टीचर्स की सैलरी 58,91,995.22 रुपये सालाना है. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) की रिपोर्ट के अनुसार लक्ज़मबर्ग में दुनिया में सबसे अधिक वेतन पाने वाले शिक्षक हैं. यहां माध्यमिक शिक्षक अपने विदेशी सहयोगियों की तुलना में बहुत अधिक कमाते हैं. लक्ज़मबर्ग के शिक्षक 30 साल के करियर के बाद अपना उच्चतम वेतन प्राप्त करते हैं. हालांकि यूरोपीय आयोग ने सुझाव दिया है कि लक्ज़मबर्ग शिक्षकों के वेतन में 2017/2018 से 2018/2019 के बीच की अवधि में मुश्किल से बदलाव हुए हैं. 

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प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
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हाईएस्ट पेड टीचर्स की लिस्ट में दूसरे नंबर पर आता है स्व‍िट्जरलैंड जहां श‍िक्षकों को सालाना 51,90,214.94 रुपये का पैकेज मिलता है. साल 2018 के लिए एक प्रमुख मीडिया फर्म की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, इस क्रम में स्विट्जरलैंड दुनिया में दूसरे नंबर पर है. स्विट्ज़रलैंड में शिक्षा प्रणाली अपरंपरागत और अनिवार्य है. यहां टीचर्स की सैलरी दुनिया में दूसरे नंबर पर होने के बावजूद कई दूसरे जॉब प्रोफाइल वालों से कम है. 

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हाईएस्ट सैलरी लिस्ट में तीसरे नंबर पर जर्मनी है जहां टीचर्स की सालाना आय 47,73,219.27 रुपये है. जर्मनी में, शिक्षा प्रणाली दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में अलग है. यहां अधिकांश छात्र सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं लेकिन अधिकांश कक्षाएं जर्मन में संचालित की जाती हैं, जो बाद में छात्रों के लिए समस्या पैदा कर सकती हैं. दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में जर्मनी और यूरोपीय देशों में होमस्कूलिंग की प्रथा अवैध है. 

 

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नॉर्वे अपने टीचर्स को 35,22,943.10 रुपये का पैकेज देकर चौथे नंबर पर है. बता दें कि नॉर्वे में हाई स्कूल के शिक्षक बहुत अधिक वेतन कमाते हैं और आवास, परिवहन और अन्य लाभों सहित औसत वेतन के साथ दुनिया में चौथे स्थान पर हैं. शिक्षक का वेतन पूरी तरह से अनुभव, कौशल, लिंग या स्थान पर आधारित होता है. यह शिक्षक के अनुभव स्तर पर भी आधारित है, जहां वर्षों के अनुभव की संख्या आपको अधिक वेतन दिलाएगी. नॉर्वे अपने द्विभाषी अंतरराष्ट्रीय स्कूलों में पूर्व-पैट बच्चों के लिए विदेशों से कई शिक्षकों की भर्ती करता है. 

प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
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देखें हाईएस्ट सैलरी (रुपये में) देने वाले 10 देशों की लिस्ट 

लक्जमबर्ग- 58,91,995.2282 
स्विट्जरलैंड- 51,90,214.9404 
जर्मनी- 47,73,219.2762
नॉर्वे- 35,22,943.1058
डेनमार्क- 34,83,544.8306
संयुक्त राज्य अमेरिका- 32,43,236.3496
मेक्सिको- 31,88,117.3346 
स्पेन- 31,18,905.2754
ऑस्ट्रेलिया- 30,35,173.5162
नीदरलैंड्स - 29,11,238.5692

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