देश पर अपनी जान न्योछावर करने वाले महान क्रांतिकारी भगत सिंह की आज जयंती है. आज इस मौके पर 28 सितंबर से दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम लागू कर रही है. दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में नर्सरी से कक्षा 12 तक की हर कक्षा में यह पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है. आइए जानें कि इस सिलेबस में ऐसा क्या पढ़ाने की तैयारी है जिससे बच्चे देशभक्त बनेंगे.
सर्वोदय बाल विद्यालय की उप प्रधानाचार्या भारती कालरा ने कहा कि बच्चों को हर स्वतंत्रता सेनानी की जीवन गाथा का पाठ पढ़ाने के लिए स्कूल में हर महीने कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी. इस कार्यशाला में बच्चे हर स्वतंत्रता सेनानी के बारे में विस्तार से जानेंगे और स्कीट या कविता के जरिए उसमें भाग भी लेंगे. ये प्रोजेक्ट कार्य देशभक्ति पाठ्यक्रम का हिस्सा रहेगा. छात्रों को इस पाठ्यक्रम की ज्यादातर पढ़ाई देशभक्ति पार्क में ही कराई जाएगी.
दिल्ली के सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य अवधेश झा ने बताया कि स्कूल के इस पाठ्यक्रम के तीन नोडल शिक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे जो छात्रों को हर एक मूर्ति के बारे में समझाएंगे. उन्होंने बताया कि अगर किसी अन्य स्कूल को देशभक्ति पाठ्यक्रम की कार्यशाला के लिए स्कूल के देशभक्ति पार्क में आना है तो वो यहां आ सकते हैं और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को और करीब से जान सकते हैं.
स्कूल पूरी तरह खुलने के बाद देशभक्ति पाठ्यक्रम कक्षा नर्सरी से कक्षा 12 तक लागू किया जाएगा. देशभक्ति पाठ्यक्रम के ज़रिए बच्चों को देश के प्रति उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराया जाएगा. ये बताया जाएगा कि हर बच्चे की देश के प्रति क्या ड्यूटी है? बच्चों को अपने देश के प्रति जिम्मेदारी पूरी करने और देश के विकास में योगदान देने के लिए तैयार किया जाएगा. देश के लिए मर-मिटने के लिए और अपना तन, मन और धन जरूरत पड़ने पर देश के लिए कुर्बान करने के लिए हर बच्चों को इस पाठ्यक्रम के जरिए स्कूलों में तैयार किया जाएगा.
दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के मुताबिक :
1) नर्सरी से कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए हर दिन एक देशभक्ति पीरियड होगा, और कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए हर हफ़्ते में दो क्लास आयोजित होंगी.
2) देशभक्ति पीरियड की शुरुआत पांच मिनट के 'देशभक्ति ध्यान' से शुरू होगी, जहां शिक्षक और छात्र माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस करेंगे और देश, स्वतंत्रता सेनानियों और किन्हीं पांच व्यक्तियों के प्रति आभार को रिफ्लेक्ट करेंगे, जिन्हें वे देशभक्त मानते हैं, और उनके सम्मान की शपथ भी लेंगे.
3) हर स्कूल में नर्सरी से कक्षा 5, कक्षा 6 से 8 और कक्षा 9 से 12 तक तीन देशभक्ति नोडल शिक्षक नियुक्त किए गए हैं.
4) राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) दिल्ली द्वारा 29 सितंबर से 5 अक्टूबर के बीच सभी नोडल शिक्षकों के लिए एक ओरिएंटेशन भी आयोजित किया जाएगा.
देशभक्ति पाठ्यक्रम का स्वरूप बाल शिक्षाशास्त्र और आलोचनात्मक शिक्षाशास्त्र का मेल है. देशभक्ति पाठ्यक्रम के मुताबिक स्टूडेंट्स में गर्व की भावना पैदा करने के मकसद से एक भारतीय होने के गुण से मिलने वाली एकता, गर्व और अपनेपन की भावना को महत्व देना है. देश के इतिहास और संस्कृति का सम्मान करते हुए गर्व के साथ यह कहने में सक्षम होना कि "मैं एक भारतीय हूं" और देश पर गर्व करता हूं.
देशभक्ति पाठ्यक्रम में बच्चों को जिम्मेदारियों के लिए जागरूक किया जाएगा. पाठ्यक्रम में कहा गया है कि सभी सजीव प्राणियों के लिए प्यार, दया, सहानुभूति महसूस करना और पर्यावरण की देखभाल करना चाहिए. देशभक्ति पाठ्यक्रम का मकसद विद्यार्थियों के लिए यह सुनिश्चित करना है कि वो देश की छवि खराब करने वाली गतिविधियों से दूर रहें.