कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर देशभर में ब्रेक लगा दिया है. नाइट कर्फ्यू से लेकर लॉकडाउन तक के हालात दोबारा नजर आने लगे हैं. ऐसे में मई में होने जा रहे सीबीएसई, आईसीएसई सहित तमाम राज्य बोर्ड के एग्जाम की घंटी ने अभिभावकों और स्टूडेंट्स की नींद उड़ा दी है. पेरेंट्स से लेकर छात्र तक सभी इन परीक्षाओं को या तो पोस्टपोन करने या कैंसिल करने की मांग कर रहे हैं. अब सवाल यह है कि आखिर ऐसे हालातों में एग्जाम कैसे होंगे. आइए- जानें बोर्ड एग्जाम को लेकर पेरेंट्स और छात्रों की राय.
अभी हाल ही में बेंगलुरु में 400 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए थे, इसके बाद से ऐसा देखा जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. एम्स डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने आजतक से बातचीत में भी कहा कि इस बार कोरोना संक्रमण युवाओं में ज्यादा है जबकि पिछली लहर में बीमारियों से पहले से जूझ रहे और वृद्ध लोग ज्यादा संक्रमित पाए गए थे. ऐसे में इतने बड़े स्तर पर परीक्षाएं कराना कितना उचित रहेगा.
दिल्ली पेरेंट्स ऐसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि भारत में बुधवार को कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख 15 हजार को पार कर गया है. कोरोना वायरस के बढ़ते केसों पर विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर में अगले चार हफ्ते ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं. कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे भी काफी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं. सैकड़ों की संख्या में पेरेंट्स लगातार परीक्षाएं स्थगित करने की मांग कर रहे हैं.
वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अपनी ओर से तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उन राज्यों में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों पर खास नजर रखी जाएगी जहां कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर इसके लिए राज्य सरकारों के साथ चर्चा की जा रही है. इन राज्यों में परीक्षाओं को लेकर सख्त इंतजाम के दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
वहीं मंत्रालय ने बोर्ड परीक्षा और प्रैक्टिकल परीक्षा रद्द नहीं करने की बात स्पष्ट कर दी है. इसके साथ ही शनिवार को सीबीएसई बोर्ड के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा है कि 10वीं और 12वीं का कोई परीक्षार्थी यदि कोरोना पॉजिटिव होता है या फिर उसके परिवार के सदस्य जैसे माता, पिता, भाई या बहन कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में अगर छात्र प्रैक्टिकल एग्जाम में अनुपस्थित होता है तो ऐसे छात्रों के लिए फिर से प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित की जाएंगी.
आइसोलेशन रूम भी होंगे
सीबीएसई ने यह भी साफ किया है कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान कोरोना के सर्दी, खांसी या जुकाम जैसे लक्षणों वाले छात्रों को अलग रूम में परीक्षा देनी होगी. इसके लिए सभी केंद्रों पर थर्मल स्क्रीनिंग से छात्रों का तापमान लिया जाएगा. यह 99.04 डिग्री से अधिक होने पर उन्हें आइसोलेशन रूम में बैठकर मास्क लगाकर परीक्षा देनी होगी. सभी परीक्षा केंद्रों पर अलग से यह रूम होगा.
एग्जाम सेंटर पर होंगे ये इंतजाम
परीक्षा केंद्र के सभी गेट से प्रवेश लिया जाएगा ताकि भीड़ जमा न हो. इसके अलावा प्रवेश के समय दो से तीन मीटर की दूरी परीक्षार्थियों के बीच रखी जाएगी. फिर स्कूल परिसर में घेरा बनाकर छात्र-छात्राएं अलग-अलग एक दूसरे से दूरी बनाकर खड़े होंगे. कक्षा में एक बेंच पर एक परीक्षार्थी बैठेगा और हर बेंच के बीच छह फीट की दूरी रहेगी, इससे सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी. एक पूरी क्लास में 10 से 12 परीक्षार्थी ही परीक्षा देंगे.