उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ने अपना 16वां दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया. समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर भारत के राष्ट्रपति डॉ रामनाथ कोविंद ने वर्चुअली संबोधित किया. राष्ट्रपति ने मेडल एवं अवार्ड पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी. उन्होंने कहा कि हमारे देश में डॉक्टरों को भगवान कहा जाता है, एक डॉक्टर के पास जब मरीज आता है तब वह दुखी और तनावपूर्ण होता है. साथ ही साथ उस पेशेंट में डॉक्टरों के प्रति एक विश्वास होता है कि वह उन्हें स्वस्थ कर सकते हैं. मरीज की देखभाल करने वाले डॉक्टर और नर्स में कॉम्पिटेंस और कंपैशन का होना बहुत जरूरी है.
यहां तस्वीरों में देखिए 16वें दीक्षांत समारोह की झलकियां...
फोटो: छात्र को मेडल प्रदान करतीं उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे केजीएमयू के पहले 31 विद्यार्थियों की सूची दिखाई गई थी, जिसमें मात्र 2 छात्राएं थी. मुझे जानकर प्रसन्नता हुई कि आज के दीक्षांत समारोह में 44 पदक विजेताओं में से 21 बेटियां हैं जो लगभग 50% हैं. मुझे विश्वास है कि ये बेटियां 21वीं शताब्दी में अपना विशेष योगदान देंगी
राष्ट्रपति ने कोरोना का जिक्र भी किया, उन्होंने कहा कि पूरे देश में ये महामारी और भी विकराल रूप ले सकती थी. लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों के अथक प्रयासों से काफी हद तक इसे रोकने में सफलता प्राप्त हुई. इस महामारी से देखभाल में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा. जिन स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों ने इस महामारी की लड़ाई में अपना योगदान दिया और उपचार देने के दौरान अपनी जान गंवाई, देश उनका सदैव ऋणी रहेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की उन्नत भारत योजना के तहत, केजीएमयू द्वारा जो 10 गांव गोद लिए गए हैं, वो भी बड़ा सराहनीय कदम है.
समारोह को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज विद्यार्थियों के लिए 5 वर्षों तक मेहनत करने के बाद ऐतिहासिक दिन आया है. परिणाम स्वरूप कई छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल मिला. इनमें से एक छात्र को तेरह गोल्ड मेडल मिले. लेकिन फिर भी ध्यान रखिए कि गोल्ड मेडल मिले या ना मिले लेकिन जो आपने पूरे ध्यान, दिल से सीखा और आत्मसात किया. उसकी वजह से आज आपको सम्मान मिला है.
दहेज का विरोध जरूरी
आनंदीबेन पटेल ने आगे कहा कि अब जब कल आपके परिवार में भाई-बहन और आपकी शादी होगी. इसी समय परिवार में लेनदेन की बात चलेगी, बस इसी दौरान आपको अपना धर्म जगाना होगा,त भी मैं समझूंगी कि आप रियल अर्थ में डॉक्टर हैं. अगर आप लोगों ने इतना पढ़ने के बाद भी अपने माता-पिता को नहीं समझा पाया कि बेटी के लिए हमें कोई धन खर्च नहीं करना चाहिए. हम उसे पढ़ाएंगे औऱ अच्छे संस्कार देंगे और ऐसा बेटा ढूंढ लेंगे जो दहेज बिना शादी करें.
उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की एक जिम्मेदारी बनती है कि आम जनमानस द्वारा सरकार को दिए गए टैक्स के पैसे से सामाजिक कार्य पूरे होते हैं. सरकार द्वारा कम पैसे से शिक्षित होने वाले चिकित्सकों को आमजन की सेवा पूरी ईमानदारी से करनी चाहिए. चिकित्सक में करुणा का भाव होना बेहद जरूरी है. आनंदीबेन पटेल ने केजीएमयू द्वारा टीवी से पीड़ित 6 बच्चों को गोद ले जाने की भी सराहना की.