हिंदी में कहावत है कि होनहार बिरवान के होत चिकने पात...यानी जिसके पास नायाब प्रतिभा होती है, उसकी झलक बचपन से ही मिलने लगती है. ऐसा ही ऐसी ही एक विरल कहानी है हुगली के गौ घाट के रहने वाले पहले कक्षा की छात्र राजनाथ दत्त की. जानिए किस बात ने इन्हें बनाया खास.
राजनाथ ने आर्थिक प्रतिकूलता को पछाड़ते हुए सिर्फ 30 सेकंड में 58 बार PUSHUP करके इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज किया है . बचपन में ही Gymnastic की रूचि रखने वाले राजनाथ को इसकी प्रेरणा अपने माता पिता से मिली .
बता दें कि राजनाथ के माता-पिता भी जिम्नास्ट के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं. कोविड काल में वर्चुअल माध्यम से सोमनाथ ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के लाइव प्रतियोगिता में भाग लेकर अपनी प्रतिभा का लोहा पूरे भारत को मनवा दिया.
बता दें कि इससे पहले भी उसके पास सर्वभारतीय संस्था के तरफ से उसे मेडल और सर्टिफिकेट भी भेज दिया गया है. उसके पिता कौशिक दत्त बताते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है. बावजूद इसके उसके बेटे ने प्रतिकूलता का सामना करते हुए यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है .
राजनाथ दत्त के पिता ने कहा कि यदि उन्हें देश और राज्य की सरकार से आर्थिक सहयोग मिलता तो उनका बेटा इससे भी उम्दा प्रदर्शन करके दिखलाता. फिलहाल ये बेटा बहुत से खिलाड़ियों के सामने एक नजीर बन चुका है जोकि हालातों से डरकर हार मान लेते हैं.
राजनाथ दत्त को उनके माता-पिता बचपन से ही जिमनास्टिक की ट्रेनिंग देते रहे. इसके चलते छह साल की उम्र तक उन्होंने पुश अप में महारत हासिल कर ली. वो अपने शरीर को ऐसा तोड़ मरोड़ लेते हैं कि बड़े बड़े उन्हें देखते रह जाते हैं.