राजस्थान के कोटा में स्टूडेंट सुसाइड और लापता होने के डरावने आंकड़ों के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट है. नई सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन देर रात को कोचिंग इलाका में सड़कों पर उतरीं और भारी पुलिस लवाजमे के साथ पैदल मार्च निकाला. इस दौरान सिटी एसपी ने कोचिंग स्टूडेंट्स से भी बातचीत की, उनकी समस्याओं को जाना, हॉस्टल्स का निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्थाओं की जांच की. उन्होंने रजिस्टर में बच्चों की एंट्री नहीं पाए जाने पर हॉस्टल वालों की खिंचाई भी की.
SP ने चेक किए बॉयज-गर्ल्स हॉस्टल के रजिस्टर्स
कोटा सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन ने गुरुवार को बॉयज-गर्ल्स हॉस्टल के रजिस्टर्स को भी चेक किया कि कितने बच्चे रह रहे हैं, उनका पूरा फीडबैक लिया. उन्होंने लैंडमार्क सिटी में कई हॉस्टलों में जाकर एसपी ने सुरक्षा व्यवस्थाओं व बच्चों के रहने की व्यवस्थाएं देखी. इसके बाद राजीव गांधी नगर में भी डीएसपी सर्कल के थाना अधिकारी पुलिस बल के साथ इलाके में पैदल गस्त की हॉस्टल में स्टूडेंट्स से बातचीत की.
स्टूडेंट्स को दिए गए पुलिस के नंबर दिए
स्टूडेंट्स को पुलिस के नंबर दिए ताकि वह अपनी कोई भी सूचना या जानकारी दे सके. उन्होंने कहा कि अधिकतर हॉस्टल में सुरक्षा के अच्छे इंतेजामत थे, कई ऐसी इमारतें भी थीं जहां सुरक्षा के साधन नहीं थे. उन्होंने हर जगह पहले पुलिस वेरिफिकेशन पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं.
सिक्योरिटी मेजर्स और सीसीटीवी कैमरे चेक किए
एसपी डॉ. अमृता दुहन ने कहा कि कोटा शहर में जहां-जहां कोचिंग छात्र रह रहे हैं, वहां निरीक्षण किया है जिसमें जवाहर नगर, विज्ञान नगर, और कुंन्हाडी लैंडमार्क सिटी में पैदल मार्च किया गया है. आसपास के फ्लैट्स में भी रह रहे लोगों की जानकारी के लिए पुलिस वेरिफिकेशन करने और हॉस्टल में रह लोगों की जानकारी ली गई है. ताकि अपराधिक तत्व के लोगों का यहां पर आना-जाना बंद किया जा सके. साथ उन्होंने बॉयज हॉस्टल और गर्ल्स हॉस्टल का भी निरीक्षण किया. उनमें सिक्योरिटी मेजर्स और सीसीटीवी कैमरे चेक किए. उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे हॉस्टल्स के अंदर तो लगे हुए हैं लेकिन बाहर नहीं लगे, बाहर भी सिक्योरिटी के लिए सीसीटीवी कैमरे होने जरूरी हैं.
स्टूडेंट्स के साथ पर्सनल टच बनाना जरूरी है: एसपी
एसपी ने कहा, 'रजिस्टर मैंने चेक किया पर रजिस्टर में कुछ कमी रह जाती है, पर रजिस्टर में तो कोई भी साइन करके आ जा सकता है, एंट्री से काम नहीं चलता एक पर्सनल टच होना चाहिए हॉस्टल वार्डन हो, मैनेजर हो या फिर हॉस्टल संचालक हो, हॉस्टल के प्रत्येक स्टाफ से स्टूडेंट का ऐसा पर्सनल टच होना चाहिए कि वह कोई भी बात उनसे शेयर कर सके.
एसपी ने कहा कि यह सब दिखाने के लिए हम सड़क पर नहीं हैं, हम चाहते हैं कि एक पॉजिटिव चेंज आए, माहौल पॉजिटिव हो, बच्चों की मानसिकता में चेंज आए, जो आपराधिक तत्व हैं वह इस जगह को छोड़कर चले जाएं, बच्चे सेफ फील कर सकें और जब तक यह काम पूरा नहीं हो जाता तब तक हम करते रहेंगे.
सोशल मीडिया पर भी रखी जाएगी नजर
एसपी ने कहा मैंने बच्चों से भी बात की है उनसे कहा है कि वह किसी से नहीं डरे, कोई उन्हें डरा रहा है या किसी तरह से अपनी दहशत बना रहा है तो ऐसे लोगों की सूचना पुलिस को दें. वहीं सोशल मीडिया पर कोई गलत पोस्ट डाल रहा है या किसी तरह से सोशल मीडिया पर बदमाशी कर रहा है तो पुलिस ऐसे लोगों से भी शक्ति से निपटेगी. कोई गलत स्टोरी या वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.