एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर में 1000 से ज्यादा बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है. ये लहर कई परिवारों पर गाज बनकर गिरी है. कोरोना में कई बच्चों को अनाथ कर दिया है. अगर आप ऐसे हालात में अकेले हुए किसी बच्चे को गोद लेना चाहते हैं तो पहले पूरी प्रक्रिया अपनाएं. जानिए- भारत में बच्चों को गोद लेने का प्रोसेस क्या है.
अगर आपको किसी परिचित, किसी नर्सिंग होम, अस्पताल या किसी एनजीओ से बच्चे की सूचना मिलती है तो उसके आधार मिले बच्चे को आप गोद नहीं ले सकते. इसकी एक पूरी लीगल प्रक्रिया है, आपको उसी प्रक्रिया से होते हुए बच्चे को अपनाना होगा. इसके लिए आप राज्य सरकारों की अधिकृत एडाप्शन एजेंसियों के जरिये भी ये प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं.
भारत में CARA (Central Adoption Resource Authority) के जरिये एडॉप्शन की पूरी गाइडलाइन दी गई है. अगर आप बच्चे को गोद लेने का मन बना रहे हैं तो सबसे पहले वेबसाइट www.cara.nic.in पर जाकर पूरी गाइडलाइन पढ़ें. यहां एडॉप्शन की जो प्रक्रिया है, उसे फॉलो करना होगा. कारा में आपको तय रजिस्ट्रेशन फीस के अलावा किसी भी तरह का भुगतान नहीं करना होगा. आगे CARA की गाइडलाइन के अहम हिस्से, पढ़ें
कौन लोग बच्चे को गोद ले सकते हैं:
अगर आप बच्चे को गोद लेने का मन बना चुके हैं तो जान लें भावी दत्तक माता-पिता का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्थिर और आर्थिक रूप से सक्षम होना जरूरी है. ताकि किसी भी नई जिंदगी के लिए भविष्य में चिकित्सीय स्थिति के लिए खतरा न हो.
कोई भी भावी दत्तक माता-पिता, चाहे उसकी वैवाहिक स्थिति कुछ भी हो और उसका बायोलॉजिकल बेटा या बेटी है या नहीं, सभी को इन शर्तों के अधीन बच्चे को गोद लेने का नियम है.
-विवाहित जोड़े के मामले में, गोद लेने के लिए दोनों पति-पत्नी की सहमति की आवश्यकता होगी.
-एक सिंगल महिला किसी भी जेंडर के बच्चे को गोद ले सकती है.
- एक सिंगल पुरुष बेटी को गोद लेने के योग्य नहीं होगा.
दंपत्ति को तब तक कोई बच्चा गोद नहीं दिया जाएगा जब तक कि उनका कम से कम दो साल का स्थिर वैवाहिक संबंध न हो.
संभावित गोद लेने वाले माता-पिता की आयु, पंजीकरण की तारीख के अनुसार, पात्रता तय करने के लिए गिना जाएगा और विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों के लिए आवेदन करने के लिए भावी दत्तक माता-पिता की योग्यता अलग अलग होगी.
कितनी उम्र जरूरी
कारा के नियमों के अनुसार बच्चे और भावी दत्तक माता-पिता में से किसी के बीच न्यूनतम आयु का अंतर पच्चीस वर्ष से कम नहीं होना चाहिए. वहीं अगर सौतेले माता या पिता या रिश्तेदार दत्तक बच्चा गोद लेते हैं तो इस मामले में भावी दत्तक माता-पिता के लिए आयु मानदंड लागू नहीं होंगे. इसके अलावा कारा में विशिष्ट नियम ये भी है कि जिन पेरेंट्स के पहले ही तीन या चार बच्चे हैं, वो किसी भी हाल में बच्चे को गोद नहीं ले सकते.