शिक्षक को भविष्य निर्माता इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन पर बच्चों के आने वाले कल की नींव डालने की जिम्मेदारी होती है. लेकिन मध्य प्रदेश में 30 हजार से अधिक शिक्षकों को अपने आज की बुनियाद हिलती नजर आ रही है. रााज्य में 30,594 चयनित शिक्षक बीते करीब डेढ़ साल से अपनी नियुक्ति का इंतज़ार कर रहे हैं. साल 2018 में परीक्षा के बाद अगस्त, 2019 में इसका रिजल्ट आया तो चयनित हुए इन शिक्षकों की खुशी का ठिकाना नहीं था. इन्हें अपने सपने पूरे होते दिखाई दिए. लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी इन शिक्षकों को नियुक्ति नहीं मिल पाई है. नौबत यहां तक आ गई है कि इनमें से कोई चाय बेच रहा है तो कोई घर पर गाय-भैसों की देखरेख में परिवार का हाथ बंटा रहा है. किसी के सामने अपने बच्चे की स्कूल फीस समय पर ना दे पाने का संकट है.
(भोपाल से रविश पाल सिंंह की रिपोर्ट)
सुनील कुशवाहा
पिता की दुकान पर लोगों को चाय पिलाते सुनील कुशवाह विदिशा जिले के बिछिया के रहने वाले हैं. दो साल पहले शिक्षक भर्ती परीक्षा पूरा मन लगा कर दी. अगस्त 2019 में रिजल्ट आने पर मेहनत का फल भी मिला. परीक्षा में सफल होने के बाद भी अब तक जॉइनिंग नहीं मिली, इसलिए अब पिता की चाय की दुकान पर हाथ बंटाते हैं. इसके अलावा बच्चों को कोचिंग में पढ़ाते भी हैं ताकि परिवार का आर्थिक बोझ कुछ कम हो सके. सुनील ने इंग्लिश सब्जेक्ट में एम.ए. किया है और फर्राटेदार अंग्रेज़ी बोलते हैं.
कमलेश दांगी भैंसों का गोबर उठाते दिखने वाले कमलेश दांगी कोई ग्वाला नहीं बल्कि भर्ती परीक्षा में चुने गए शिक्षक है. कमलेश दांगी ने हिंदी में MA और B Ed किया है. राजगढ़ के ब्यावरा के रहने वाले कमलेश का भी परीक्षा पास करने के बावजूद जॉइनिंग न मिलने से शिक्षक बनने का सपना अभी तक पूरा नहीं हो पाया. रही सही कसर पिछले साल कोरोना की वजह से लॉकडाउन ने पूरी कर दी. फिलहाल घर पर गाय-भैंस का रखरखाव इन्ही के जिम्मे हैं. कमलेश कहते हैं कि वह हर दिन जॉइनिंग की राह देख रहे हैं लेकिन ये प्रक्रिया आगे खिसकने का नाम हीं नहीं ले रही है. कमलेश खेती में भी हाथ बंटाने के अलावा बच्चों को पढाते भी हैं.
नेहा मिश्रा
भोपाल की रहने वालीं नेहा मिश्रा दिव्यांग हैं और सिंगल मदर हैं. इसके चलते घर चलाने और बच्चे की स्कूल फीस का ज़िम्मा इन्ही पर हैं. 2020 में जब इन्होंने परीक्षा पास की तो लगा कि सभी समस्याओं का हल हो जाएगा लेकिन जॉइनिंग के फेर में ऐसा पेंच लटका कि अब तक नौकरी नहीं मिल पाई है. फिलहाल नेहा मिश्रा अपने भाइयों पर निर्भर हैं. उनकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जल्द से जल्द चयनित शिक्षकों को नियुक्ति देने की मांग है ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें.
अब हम आपको बताते हैं कि दरअसल इन चयनित शिक्षकों की नियुक्ति पर पेंच कहां फंस रहा है?
- सितंबर 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया था. इससे पहले की परीक्षा के नतीजे आते, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बन गई और नतीजों पर तलवार लटक गई.
- इसके बाद चयनित शिक्षकों के संघर्ष और प्रदर्शन के बाद आखिरकार अगस्त, 2019 में परीक्षा के नतीजे घोषित हुए लेकिन फिर नियुक्ति पर पेंच फंस गया.
- इस बीच मध्यप्रदेश में घटा राजनीतिक घटनाक्रम और फिर कोरोना का संकट आड़े आ गया और नियुक्तियों पर फिर संदेह के बादल मंडराने लगे.
- हालांकि काफी जद्दोजहद के बाद जुलाई 2020 में नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ी और चयनित शिक्षकों के दस्तावेजों का वेरिफिकेशन शुरू हुआ लेकिन महज़ तीन दिन बाद ही इसे भी रोक दिया गया.
- चयनित शिक्षकों का आरोप है कि उस समय कोरोना की वजह से सार्वजनिक परिवहन पर रोक की वजह बताई गई
नए सत्र से शुरू करेंगे नियुक्ति की प्रक्रिया: स्कूल शिक्षा मंत्री
समय-समय पर चयनित शिक्षक भोपाल आकर प्रदर्शन भी करते हैं और सरकार से जल्द नियुक्ति की मांग करते हैं लेकिन बीते एक साल से इनके लिए कुछ नहीं बदला. इस बारे में जब आज तक ने मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से बात की तो उन्होंने बताया कि शिवराज सरकार चयनित शिक्षकों के लिए गंभीर है लेकिन कोर्ट में याचिका के चलते फिलहाल सरकार इस पर कोई फैसला नहीं ले पा रही. हालांकि मंत्री जी ने भरोसा दिलाया है कि नए सत्र में इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा.
चयनित शिक्षकों को जल्द नियुक्ति दे सरकार: कांग्रेस
मध्य प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तो भारतीय जनता पार्टी कमलनाथ सरकार पर शिक्षकों की अनदेखी का आरोप लगाते नहीं थकती थी लेकिन अब सूबे में सत्ता बीजेपी के पास है, ऐसे में बीजेपी को कांग्रेस पुराने वादे याद दिला रही है, साथ ही पूछ रही है कि चयनित शिक्षकों को नौकरी कब मिलेगी. पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज जी और सिंधिया जी को जल्द से जल्द अपना वो वादा पूरा करना चाहिए जो उन्होंने विपक्ष में रहते हुए शिक्षकों से किया था.