दिल्ली पेरेंट्स ऐसोसिएशन ने 2,498 पेरेंट्स से ली गई राय को एक पत्र के तौर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखा है. इनमें से लगभग सभी अपने बच्चों को वर्तमान में स्कूलों में भेजने के लिए तैयार नहीं हैं. जानिए- क्या चाहते हैं पेरेंट्स.
दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 2,500 बच्चों के माता-पिता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अनुरोध किया है कि कोविड -19 महामारी के कारण स्कूलों को इस शैक्षणिक वर्ष में न खोला जाए.
Delhi Parents Association (DPA) द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को सत्र 2020-21 में स्कूलों को न खोलने के लिए 2498 पेरेंट्स की राय भेजी है. ये राय एक ज्वाइंट रीप्रजेंटेशन के तौर पर भेजी है. इसमें बाल विशेषज्ञ की राय और LUNG CARE FOUNDATION का पत्र भी भेजा है.
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन (DPA) द्वारा UNLOCK 5 की घोषणा के बाद स्कूलों को खोलने के संबंध में एक बार फिर से पेरेंट्स का पक्ष जानने के लिए उनसे रिप्रजेंटेशन मांगा था. इसमें 2498 पेरेंट्स ने सरकार से गुहार लगाई कि इस वर्ष अभी स्कूलों को खोलना ख़तरनाक साबित होगा. अभिभावकों ने कहा है कि दिल्ली में सर्दियों के प्रदूषण के बढ़ते स्तर और कोरोना मामलों की बढ़ती संख्या उनके लिए चिंता का विषय है.
DPA ने पेरेंट्स के नामों की लिस्ट उनकी प्रतिक्रिया के साथ दिल्ली व केन्द्र सरकार के साथ साझा की है. एसोसिएशन ने केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के आधार पर अभिभावकों से प्रतिक्रिया मांगी थी. ये गाइडलाइन सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सेक्रेटरी एजुकेशन को भेजा गया था. जिसमें ये साफ़ तौर पर लिखा गया था कि जिन पेरेंट्स के बच्चे स्कूल जाते हैं, उनका फीडबैक 3 मुख्य बातों पर लिया जाए और उसका जवाब उक्त विभाग को 20 जुलाई तक जमा करवाया जाए.
ये थी वो 3 बातें जिन पर लेना था फीडबैक
1. पेरेंट्स कब तक स्कूल खुलने में सहज हैं.
2. स्कूलों के खुलने पर पेरेंट्स की स्कूल से क्या उम्मीदें हैं.
3. अन्य कोई प्रतिपुष्टि या टिप्पणी.
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि यदि दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा इस समय अपनी जिम्मेदारी निभा दी गई होती, तो ये हर महीने अनलॉक के आर्डर के बाद पेरेंट्स में दहशत का माहौल नहीं बनता. पूरे आंकड़ों व तथ्यों के साथ दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा सरकार को ये अनुरोध पत्र इसलिए भी भेजा गया क्योंकि सरकार के अनलॉक 5 की घोषणा के बाद दिल्ली सरकार का स्कूलों को न खोलने का निर्णय 31अक्टूबर तक लागू है. लेकिन अभी भी दिल्ली के अधिकांश 96% पेरेंट्स नहीं चाहते कि बच्चों की जिंदगी के साथ किसी भी प्रकार से कोई भी खिलवाड़ हो.
अभिभावकों का कहना है कि जब तक कोविड-19 मामलों में कम से कम 10 दिनों के लिए कमी नहीं आ जाती या जब तक कोई टीका उपलब्ध न हो तब तक स्कूलों को फिर से नहीं खोलना चाहिए. पेरेंट्स ने ये मांग भी की है कि सरकार को इस वर्ष को शून्य एकेडमिक वर्ष घोषित करना चाहिए. एक अभिभावक राजीव अरोड़ा ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि इस साल आठवीं कक्षा तक के छात्रों को अगली कक्षा में पदोन्नत किया जाना चाहिए और कक्षा नौवीं से बारहवीं के छात्रों के लिए उन्हें कुछ ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करनी चाहिए.