ऐसा देखने में आ रहा है कि कोरोना ठीक होने के बाद भी कई मरीजों में कुछ दिनों में हार्ट या फेफड़ों की समस्या देखने को मिलती हैं. ऐसे में जरूरी है कि कोरोना मरीज अपना पूरा ध्यान रखें. जानिए पोस्ट कोविड केयर कैसे करनी चाहिए. कोरोना मरीजों को नेगेटिव होने के बाद कौन कौन से टेस्ट कराने चाहिए.
कोरोना के मरीजों के ठीक होने के बाद भी उनमें हार्ट की दिक्कतें देखने को मिलती हैं. दरअसल हार्ट को काम करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. ऑक्सीजन युक्त खून को शरीर के दूसरे अंगों में पहुंचाने में हार्ट की भूमिका होती है. ये ऑक्सीजन हार्ट को लंग्स यानी फेफड़ों से ही मिलती है. क्योंकि कोरोना फेंफड़ों को संक्रमित करता है, इससे कई मरीज़ों में ऑक्सीजन लेवल कम होने लगता है. ऐसे में हार्ट में दिक्कत हो जाती है.
संजय गांधी पीजीआई लखनऊ के हृदय रोग विभाग में प्रोफेसर डॉ नवीन गर्ग ने aajtak.in से बताया कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों के दिल पर कोरोना का काफी असर देखने को मिलता है. डॉ नवीन गर्ग का कहना है कि भले ही 85 प्रतिशत मरीज घर पर होम आइसोलेशन पर ठीक हो जाते हैं लेकिन फिर भी मरीजों को कुछ लक्षण आने पर जांच जरूर करानी चाहिए.
डॉ गर्ग का कहना है कि कोरोना से ठीक हो चुके लोग चाहें वो घर पर ठीक हुए हों या हॉस्पिटल में ऑक्सीजन थेरेपी से ठीक हुए हों, उन्हें तीन लक्षणों को पर जरूर ध्यान देना चाहिए. इन तीन लक्षणों में पहला ये है कि अगर आपको सांस लेने में दिक्कत महसूस हो जैसे ब्रेथलेसनेस हो या सीने में दर्द की शिकायत (चेस्ट पेन) हो या अचानक से दिल की धड़कन रह रह कर तेज हो रही हो तो तत्काल डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
अगर आपको डॉक्टरों ने ब्लड थिनर और दूसरी दवाएं जो भी लिखी हों, जितने वक़्त के लिए लिखी हों उनका कोर्स जरूर पूरा करें. अगर आप धूम्रपान करते हैं या आपको शराब पीने की आदत है तो कोविड होने के बाद तुंरत आदत छोड़ दें. इसके बाद ठीक होने के करीब छह माह तक इसे नहीं करना चाहिए.
कोरोना ठीक होने के बाद अपने खाने-पीने का खास ख्याल रखें. घर में फल, हरी सब्जियां खूब खाएं और घर का खाना ही खाएं. अपने को हाइड्रेट रखें, दिन में पानी खूब पिएं. अगर शरीर में पानी की मात्रा कम होगी तो उससे ब्लड क्लॉटिंग बढ़ने की संभावना ज़्यादा होती है. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के दो हफ्ते बाद अपने डॉक्टर के पास फॉलो-अप चेक-अप के लिए जरूर जाएं. जरूरत हो तो ईसीजी, इको कार्डियोग्राम डॉक्टर की सलाह पर जरूर कराएं.