Republic Day 2024: भारत आज अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. आज ही के दिन भारतीय संविधान लागू हुआ था और भारत लोकतांत्रिक गणराज्य बना था. इस राष्ट्रीय पर्व पर देशभर में देशभक्ति की धूम है. नई दिल्ली में कर्तव्य पथ की परेड देखकर देशवासी गर्व महूसस कर रहे हैं. कर्तव्य पथ पर 90 मिनट की परेड के दौरान देश अपनी बढ़ती सैन्य ताकत और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रदर्शन कर रहा है.
देश की महिला शक्ति और लोकतांत्रिक मूल्यों पर केंद्रित इस भव्य समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार ने किया आज की परेड का नेतृत्व
आज की परेड का नेतृत्व मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार, वीएसएम कर रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार, वीएसएम दूसरी पीढ़ी के अधिकारी को 16 दिसंबर 1989 को पैराशूट रेजिमेंट की तीसरी बटालियन में शामिल किया गया था. जनरल ऑफिसर ने 01 नवंबर 2023 को जनरल ऑफिसर कमांडिंग, दिल्ली क्षेत्र की नियुक्ति ग्रहण की है.
सशस्त्र बलों की परेड में मिसाइल, ड्रोन जैमर, निगरानी प्रणाली, वाहन पर लगे मोर्टार और बीएमपी-2 पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों जैसे घरेलू हथियारों और सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन किया जा रहा है.
100 से अधिक महिला कलाकार
परेड की शुरुआत 100 से अधिक महिला कलाकारों द्वारा भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजाते हुए की जा रही है. परेड की शुरुआत इन कलाकारों द्वारा बजाए जा रहे शंख, नादस्वरम, नगाड़ा आदि संगीत के साथ हो रही है.
फ्रांसीसी सेना का बैंड दस्ता
कर्तव्य पथ पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए हैं. आज की परेड का एक और मुख्य आकर्षण, फ्रांसीसी सेना का बैंड दस्ता भी है. फ्रांसीसी विदेशी सेना के 30 संगीतकारों का संगीत बैंज जिसका नेतृत्व कैप्टन खुर्दा ने किया, लीजन गीत 'ले बुंदा' (Le Boudin) बजाया.
फ्रांसीसी सेना का मार्चिंग दस्ता
फ्रांसीसी बैंड दस्ते के पीछे की कंपनी फ्रांसीसी विदेशी सेना की दूसरी इंफैंट्री रेजिमेंट से है. इस मार्चिंग दल में 90 लीजियोनेयर्स शामिल हैं, जिसका नेतृत्व कैप्टन नोएल कर रहे हैं. यह रेजिमेंट नई पीढ़ी की मध्यम दूरी (एमएमपी) एंटी-टैंक मिसाइल को प्राप्त करने वाली पहली रेजिमेंटों में से एक है.
आसमान में राफेल की गर्जना
फ्रांसीसी बैंड दस्ते के पीछे की कंपनी फ्रांसीसी विदेशी सेना की दूसरी इन्फैंट्री रेजिमेंट दस्ते के ऊपर कर्तव्य पथ पर दो राफेल लड़ाकू विमानों की गर्जना से आसमान गूंज उठा. दो राफेल लड़ाकू विमान और एक एयरबस ए330 ट्राई एंगल फार्मेशन में उड़ान भर रहे हैं. दो राफेल, संयुक्त अरब अमीरात में स्थित 104 ‘अल धफरा' एयर बेस से आते हैं.
भारतीय सेना का पहला दस्ता: 61 कैवलरी
कर्तव्य पथ पर सेना मैकेनाइज्ड कॉलम का नेतृत्व करने वाली पहली सेना टुकड़ी 61 घुड़सवार सेना की है जिसका नेतृत्व मेजर यशदीप अहलावत कर रहे हैं. 1953 में गठित, 61 कैवेलरी सभी 'स्टेट हॉर्सड कैवेलरी यूनिट्स' के समामेलन के साथ दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय हॉर्स कैवेलरी रेजिमेंट है. इसे 23 सितंबर 1918 को ‘हाइफा' की लड़ाई में तुर्कों से मुकाबला है 'अश्व शक्ति सदैव सर्वोच्च'. करते हुए इतिहास में दर्ज अंतिम घुड़सवार सेना का नेतृत्व करने का अनूठा गौरव प्राप्त है.
टी-90 भीष्म: रात में भी दुश्मन पर बरपा सकता है कहर
टैंक टी-90 भीष्म की है, जिसका नेतृत्व 42 बख्तरबंद रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट फैज सिंह ढिल्लन कर रहे हैं. भीष्म टैंक, तीसरी पीढ़ी का रूसी मुख्य युद्धक टैंक है और 125 मिमी स्मूथ बोर गन से लैस है. यह चार प्रकार के गोला-बारूद दाग सकता है और 5000 मीटर की दूरी तक बंदूक से मिसाइल दागने की भी क्षमता रखता है. भीष्म टैंक थर्मल इमेजिंग दृष्टि की मदद से रात में भी प्रभावी ढंग से दुश्मन को साधकर विकसित भारत 58 (231-BHA तबाह कर सकता है. इसमें ERA पैनल भी हैं जो इस घातक मशीन के कवच को और भी मजबूत बनाते हैं.