74th Republic Day Parade: इस साल भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. सबसे बड़ा गणतंत्र दिवस समारोह 26 जनवरी को देश की राजधानी नई दिल्ली में राजपथ पर होता है जिसे अब कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाता है. भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना सभी इस दिन हर साल आयोजित होने वाली भव्य गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हैं. आइए जानते हैं इस साल भारतीय सेनाओं के कौन-कौन से अधिकारी रिपब्लिक डे परेड में दलों की अगुवाई करेंगे.
गणतंत्र दिवस के परेड के लिए मंच तैयार हो चुका है. भारत की सशस्त्र सेना भारत की ताकत का प्रदर्शन करते हुए कर्तव्य पथ पर मार्च करेंगी और पूरी दुनिया भारत के वीर जवानों का शौर्य देखेगी. यह पल हर भारतीय को गर्व से भर देने वाला होता है, जब भारतीय वीर सपूत कदमताल करते हुए कर्तव्य पथ पर सीना ताने निकलते हैं.
परेड में भारतीय थल सेना की कुल 6 टुकड़ियां और भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना की 1-1 टुकड़ियां शामिल होंगी, लेकिन मार्च करने वाली टुकड़ियों के अलावा सशस्त्र बल कई मेड इन इंडिया वेपन्स सिस्टम के साथ भारत के पराक्रम का प्रदर्शन करेंगे. चौथी पीढ़ी के सेना अधिकारी से लेकर भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा करने वाले पहले कंटिजेंट ऑफिसर्स, इन मार्चिंग टुकड़ियों का नेतृत्व करेंगे.
लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा
लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा डीआरडीओ द्वारा विकसित स्वदेशी आकाश वायु रक्षा प्रणाली (Indigenous Akash Air Defence system) की कंटिजेंट ऑफिसर होंगी. लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा खाटूश्यामजी राजस्थान की रहने वाली हैं और अपने परिवार से आर्म्ड फोर्स में शामिल होने वाली पहली ऑफिसर हैं.
लेफ्टिनेंट शर्मा के माता और पिता दोनों राजस्थान में टीचर हैं. लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा का बचपन से ही भारतीय सेना में सेवा करने का सपना था. वह पिछली पांच नाकाम कोशिश के बाद 2020 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में शामिल हुईं, असफलताओं के बावजूद लेफ्टिनेंट शर्मा ने अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ा. वे भारतीय सेना शामिल होने की इच्छा रखने वाली हर लड़की को संदेश दे रही हैं कि 'अपने सपनों को कभी मत छोड़ो'.
लेफ्टिनेंट शर्मा कहती हैं, 'आपको केवल अपने आप में विश्वास की जरूरत है, अगर आप खुद पर बंदिशें नहीं लगाते, अगर आपका खुद पर विश्वास करते हैं तो कोई भी सपना हासिल करना असंभव नहीं है.'
मेजर महिमा कटारिया
मेजर महिमा कटारिया चौथी पीढ़ी की सेना अधिकारी हैं, सिग्नल कोर में एक अधिकारी वह स्वदेशी मोबाइल नेटवर्क सेंटर (indigenous Mobile Network Centre) के दल का नेतृत्व करेंगी. मेजर महिमा, साल 2015 में गणतंत्र दिवस परेड में मार्च करने वाली पहली महिला अधिकारियों की टुकड़ी का भी हिस्सा थीं. उनका कहना है कि कर्तव्य पथ पर परेड देखने के लिए उनका पूरा परिवार मौजूद रहेगा.
मेजर मोहम्मद आसिफ अहमद
फर्स्ट जनरेशन आर्मी ऑफिसर मेजर मोहम्मद आसिफ अहमद मेजर महिमा के साथ मोबाइल नेटवर्क सेंटर की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगे. उनका कहना है कि जिस दिन से मैंने अपने परिवार को बताया कि मुझे गणतंत्र दिवस परेड में एक दल का नेतृत्व करने का अवसर मिला है, मेरा पूरा परिवार मुझे देखने का इंतजार कर रहा है.
कैप्टन शिवाशीष सोलंकी
भारतीय सेना में कोर ऑफ इंजीनियरिंग में ऑफिसर कैप्टन शिवाशीष सोलंकी कहते हैं, 'बचपन से ही मेरा भारतीय सेना की वर्दी पहनने के अलावा कोई और सपना नहीं था, मेरे पिता एक सेवानिवृत्त जूनियर कमीशंड अधिकारी हैं और उन्होंने उसी रेजिमेंट में भी काम किया है, लेकिन जब मैंने उनसे कहा कि मैं गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लूंगा तो वह इस दिन का इंतजार कर रहे हैं.'
लेफ्टिनेंट प्रखर तिवारी
सेना में पहली पीढ़ी के अधिकारी, लेफ्टिनेंट प्रखर तिवारी गणतंत्र दिवस परेड में K-9 वज्र स्व-चालित हॉवित्जर के कंटिजेंट ऑफिसर होंगे. सैनिक स्कूल रीवा के पूर्व छात्र, लेफ्टिनेंट तिवारी ने गणतंत्र दिवस परेड में मार्च करने के अवसर को एक सपने के सच होने का अवसर बताया है. उनका कहना है, 'यह एक खूबसूरत एहसास है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, मुझे इस पर आर्टिलरी की एक रेजिमेंट का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है. कर्तव्य पथ, यह मेरा एक सपना रहा है'.
कैप्टन नवीन धतरवाल
लद्दाख स्काउट्स के ऑफिसर कैप्टन नवीन धतरवाल, स्वदेशी क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल्स (Indigenous Quick Reaction fighting vehicle या QRFV) के दल का नेतृत्व करेंगे. पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हुए कप्तान धतरवाल कहते हैं, 'एक बच्चे के रूप में उन्होंने हमेशा गणतंत्र दिवस परेड देखी लेकिन अब पहली बार उनका और उनकी पत्नी का परिवार इस शानदार परेड को देखने के लिए आ रहा है'.