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एजुकेशन न्यूज़

UPSC इंटरव्यू में पूछा, क्यों पीछे है बिहार? ये जवाब देकर बनीं हिंदी मीडियम टॉपर

UPSC CSE 2019 हिंदी मीडियम टॉपर ऋचा रत्नम (aajtak.in/special permission)
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ऋचा रत्नम ने Aajtak.in को बताया कि उन्होंने अपनी 12वीं तक की प्रारंभ‍िक श‍िक्षा सिवान से की है. उन्होंने कहा- जब मैं बड़ी हो रही थी, उसी दौर में मैंने तमाम समस्याओं को देखा और ये भी महसूस किया कि जब प्रशासन में अच्छे अफसर आते हैं तो काफी कुछ बदल जाता है. जिले की तमाम गत‍िविध‍ियों से लेकर लॉ एंड ऑर्डर तक काफी बदलाव दिखते हैं. 

UPSC CSE 2019 हिंदी मीडियम टॉपर ऋचा रत्नम (aajtak.in/special permission)
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ऋचा ने कहा कि मेरे घर में तीन पीढ़ी से लोग शिक्षण कार्य से जुड़े हैं. मेरे पिता शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव जयप्रकाश यूनिवर्सिटी छपरा बिहार में इत‍िहास विभाग में प्रोफेसर हैं और मां शश‍िकला होममेकर हैं. मैं भी एकेडमिक क्षेत्र में जाती लेकिन प्रशासनिक सेवाओं में जाने के विचार ने मेरा उद्देश्य बदल दिया. मुझे महसूस हुआ कि प्रशासन जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाता है. 

UPSC CSE 2019 हिंदी मीडियम टॉपर ऋचा रत्नम (aajtak.in/special permission)
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माता पिता के अलावा ऋचा के दो भाई हैं, इनमें से एक पॉलिटिकल कंसल्टेंट और दूसरे डिजिटल मीडिया में काम कर रहे हैं. ऋचा ने बताया कि मैंने 12वीं के बाद जयपुर के विवेकानंद टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूज जयपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक में दाखिला लिया. वहां से पढ़ाई करके कुछ समय एक स्टार्टअप में वेंडर के तौर पर काम किया. 

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UPSC CSE 2019 हिंदी मीडियम टॉपर ऋचा रत्नम (aajtak.in/special permission)
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ऋचा ने कहा कि लेकिन मेरा सपना वहीं का वहीं था. मैंने 2016 से गंभीरता के साथ नोएडा आकर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. फिर एक के बाद एक अंटेप्ट देती गई. ये मेरा पांचवां अटेंप्ट था जिसमें मुझे 274 रैंक मिली है. हिंदी मीडियम से ये रैंक सबसे ऊपर है, इसलिए ऋचा हिंदी मीडियम में सबसे टॉप पर हैं. 

UPSC CSE 2019 हिंदी मीडियम टॉपर ऋचा रत्नम (aajtak.in/special permission)
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अपने इस साल के प्रयास के बारे में वो बताती हैं कि मैंने इस बार ठान लिया था कि किसी तरह मुझे एक बेहतर रैंक लानी है, जिससे मेरा सपना पूरा हो सके. वो बताती हैं कि इस बार उनका इंटरव्यू भी काफी अच्छा रहा. इंटरव्यू में उनसे हॉबी के अलावा उनके राज्य और जिले को लेकर भी सवाल किए गए. 

UPSC CSE 2019 हिंदी मीडियम टॉपर ऋचा रत्नम (aajtak.in/special permission)
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इंटरव्यू में उनसे एक सवाल पूछा कि आख‍िर दूसरे राज्यों से क्यों पीछे है बिहार? इसका जवाब ऋचा ने काफी विस्तृत तरीके से दिया. इसके जवाब में उन्होंने इसके पीछे हिस्टोरिकल रीजन से लेकर नीतिगत आदि बिंदुओं पर जवाब दिया. सिवान के बारे में भी उन्होंने सवाल किया तो मैंने बताया कि देश के प्रथम राष्ट्रपति की जन्मस्थली है. 

UPSC CSE 2019 हिंदी मीडियम टॉपर ऋचा रत्नम (aajtak.in/special permission)
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उन्होंने बिहार पीछे क्यों है, सवाल के जवाब में पहला रीजन हिस्टोरिकल बताया. इसमें उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से औद्योगिक नीति और freight equalisation policy (माल ढुलाई समीकरण नीति) थी, ये सही से लागू नहीं हुई. इसके कारण मिन‍रल आदि का राज्य को फायदा नहीं हुआ. इसके अलावा भूमिसुधार अच्छे से लागू नहीं हुए. इसके अलावा एक रीजन है साल 1991 में आई इंडिया की नई आर्थिक नीति जो यहां अच्छे ढंग से लागू नहीं हुई. बता दें कि नई आर्थ‍िक नीति 24 जुलाई 1991 को LPG (उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण) मॉडल के रूप में की गई थी. वो कहती हैं कि इसके पीछे कई पॉलिटिकल फैक्टर बहुत महत्वपूर्ण है. इसका सदर्न स्टेट ने अच्छा यूज किया. कहीं न कहीं बिहार से लोग माइग्रेट हुए हैं. ऐसा नहीं है कि इसका फायदा लोगों को नहीं मिला, लेकिन इसका फायदा बिहार को राज्य के तौर पर नहीं मिला. 

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