केंद्र सरकार ने Unlock 5.0 की गाइडलाइंस के साथ सभी राज्यों को 15 अक्टूबर से स्कूल-कॉलेज खोलने का आदेश दिया था. लेकिन ये आदेश लागू करने का अधिकार राज्यों पर छोड़ दिया था. जिसके बाद कई राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पंजाब, मध्यप्रदेश आदि राज्य अपनी एसओपी के अनुसार स्कूल खोलने की तैयारी कर चुके हैं. लेकिन कुछ राज्यों में स्कूल अभी भी बंद रहेंगे. आगे जानिए राज्यों का क्या फैसला है.
पंजाब सचिव (स्कूल शिक्षा) ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह मामलों और न्याय) को लिखकर सिफारिश की है कि पंजाब में नौवीं से बारहवीं कक्षा के लिए दिन में तीन घंटे के लिए फिर से स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाए. इंडियन एक्सप्रेस से शिक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में होने वाली कोविड-19 की समीक्षा बैठक के दौरान गुरुवार को एक अंतिम निर्णय की संभावना है.
वहीं महाराष्ट्र सरकार ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि स्थितियां इतनी उपयुक्त नहीं हैं कि स्कूल-कॉलेज खोलने का फैसला लिया जा सके. मंगलवार को राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने COVID-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए ये बात कही. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कोविड -19 की स्थिति सामान्य नहीं है. इसलिए क्लासेज चलाना उचित नहीं है. हमने शिक्षण संस्थानों को छात्रों से डेवलेपमेंट फीस न लेने को कहा है.
दिल्ली सरकार ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए सभी स्कूल 31 अक्टूबर तक बंद रखने का फैसला किया है. वहीं महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, असम, तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश ने भी तब तक स्कूल बंद रखने का फैसला किया है जब तक स्थितियां स्कूल खोलने के अनुकूल नहीं हो जातीं. इनमें से कई राज्यों में कोरोना संक्रमण की दर अब भी चिंताजनक है, इसलिए सरकारें स्कूल खोलने का फैसला नहीं ले रहीं.
पश्चिम बंगाल सरकार ने भी इस मामले में स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में 14 नवंबर से पहले स्कूल खोलने पर कोई फैसला नहीं लिया जाएगा. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि 14 नवंबर को काली पूजा के बाद स्कूल खोलने पर विचार किया जाएगा. इसी प्रकार दिल्ली में भी नवंबर में ही इस पर फैसला लेने पर विचार हो रहा है. बता दें कि कई सर्वे में सामने आया है कि पेरेंट्स भी अभी बच्चों की सेहत को लेकर रिस्क नहीं लेना चाहते हैं.
वहीं 21 सितंबर से पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, मेघालय आदि कुछ राज्यों में नौवीं से 12वीं तक के लिए स्कूल खोले गए थे. वहीं कुछ राज्य जैसे कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने की तैयारी कर चुके हैं. अब यहां बच्चों की तादाद क्या रहेगी, ये 15 अक्टूबर के बाद तय होगा क्योंकि सरकार ने गाइडलाइन में स्पष्ट तौर पर कहा है कि स्कूल पेरेंट्स पर किसी भी तरह का प्रेशर नहीं डाल सकते. बच्चों को अभिभावकों की लिखित सहमति के बाद ही स्कूल में आने दिया जाएगा.
सरकार ने गाइडलाइन में ये भी कहा है कि स्कूल कॉलेज ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा दें. अगर स्कूल खोले जाएं तो कोरोना संबंधित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी प्रोटोकॉल फॉलो किए जाएं. अगर कोई छात्र ऑनलाइन क्लास करना चाहता है तो स्कूल उन्हें परमिशन दे. बच्चों की सेफ्टी के लिए शिक्षा विभाग की SOP के आधार पर राज्य सरकार अपनी SOP भी तैयार करेगी.
कॉलेजों और उच्च शिक्षण संस्थानों को लेकर दिशानिर्देश हैं कि वहां रिसर्च स्कॉलर्स (Ph.D) और पीजी के वो स्टूडेंट्स जिन्हे लैब में काम करना पड़ता है, उनके लिए ही संस्थान खुलेंगे. इसमें भी केंद्र से सहायता पाने वाले संस्थानों में वहां के हेड तय करेंगे कि वाकई लैब वर्क की जरूरत है या नहीं. इसके अलावा राज्य यूनिवर्सिटी या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज खोलने का फैसला खुद लेंगे.