केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने को कहा है. इसके लिए राज्यों को फैसला लेने की आजादी थी. कुछ राज्य जैसे बिहार, पंजाब और राजस्थान में स्कूल कल से खुल रहे हैं. लेकिन कुछ राज्य अभी भी तैयार नहीं हैं. इसी बीच ट्विटर पर #school_खुलने_दीजिए ट्रेंड कर रहा है. इसमें स्कूल खुलने और न खुलने दोनों ही पक्ष में लोग बोल रहे हैं. जानिए क्यों ट्रेंड कर रहा है ये टॉपिक.
15 अक्टूबर से स्कूल खोलने का समर्थन में कई दलीलें सोशल मीडिया पर लोग दे रहे हैं. अब इन यूजर को ही लीजिए. ये कह रही हैं कि स्टूडेंट ऑनलाइन जूम कॉल पर संस्कृत होमवर्क की जगह हिंदी होमवर्क दिखा रहे हैं. वीडियो में जो पढ़ाया जा रहा उनसे वे एक भी शब्द नहीं सीख रहे. परीक्षा के पेपर पेरेंट्स लिख रहे हैं. बच्चे मोटे हो रहे हैं, बहाना बनाकर जवाब नहीं देते.
कई ट्विटर यूजर स्कूल खोले जाने के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं हैं. तर्क है कि जब तकनीक की मदद से घर में पढ़ना संभव है तो बच्चों को कोरोना महामारी के खतरे में क्यों डालें. बड़ी संख्या में लोग ऐसे अभिभावकों की तरफदारी कर रहे हैं. बता दें कि सर्वेक्षणों में भी सामने आया है कि देश के 71 प्रतिशत अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं.
एक यूजर ने लिखा कि बच्चे राष्ट्रीय संपत्ति माने जाते हैं, इसलिए उनकी जिंदगी को खतरे में नहीं डालना चाहिए. मेरा पूरा विश्वास है कि स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी तभी खोले जाएं जब देश पूरी तरह कोरोना मुक्त हो जाए. वरना जो बच्चे फाइनल ईयर्स में नहीं हैं, उन्हें अगले क्लास में प्रमोट कर दीजिए.
Children are considered national treasure & therefore, their lives should not be risked & I firmly believe that school, colleges, universities should be opened up once country is declared Corona free but otherwise, promote students who are not in final years. #school_खुलने_दीजिए
— Nuryanana (@nuryanana_kaush) October 14, 2020
बता दें कि कोरोना लॉकडाउन के चलते घरों में लंबे समय से रह रहे छात्र अपने स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. वो घर पर रहकर बोर हो चुके हैं. ट्विवटर पर ये ट्रेंड स्टूडेंट्स की ओर से ही चलाया गया है. वहीं अभिभावक इस ट्रेंड को फॉलो करके स्कूल खुलने का विरोध दर्ज कर रहे हैं.
वहीं कुछ स्टूडेंट्स स्कूल न खुलने के फैसले से खुश भी नजर आ रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि मैं क्लास 12 का स्टूडेंट हूं. मैं ई लर्निंग और ऑनलाइन क्लासेज से पूरी तरह संतुष्ट हूं, जिनके पास फ्री टाइम है और कोई काम नहीं है, वही इसे ट्रेंड कर रहे हैं.
#school_खुलने_दीजिए
— Mr. Beast (@AwareCitizen5) October 14, 2020
As a class 12 PCM student , I am well satisfied with e-learning and online education , so there is no need to open school @PMOIndia @HMOIndia @NitishKumar . Those who don't have any work and have free time start trending about reopening schools...
एक यूजर ने UGC और इसके वाइस-चेयरमैन भूषण पटवर्धन को टैग कर उच्च शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की मांग की. कहा कि कोरोना जांच और सतर्कता के साथ उच्च शैक्षिक संस्थानों को खोला जाए एमबीए, इंजीनियरिंग, मेडिसिन जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज की पढ़ाई घर पर नहीं की जा सकती है. पहले ही आठ महीने खराब हुए हैं.
#school_खुलने_दीजिए #Reopencolleges Reopen higher education institutions @bpatwardhan @ugc_india with proper covid testing n precautions. Professional studies like MBA, engineering, medicine etc cannot be done at home. 8 months time is wasted. Start blended classes @drashwathcn https://t.co/3KlxD69FgB
— Nikhil Gowda (@NikhilG19540827) October 14, 2020
यूनिवर्सिटीज में स्नातक में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स भी लिख रहे हैं कि जब सरकार पीजी और पीएचडी के लिए कॉलेज खोल रही है तो हमारे लिए क्यों नहीं. क्या हमारे लिए पढ़ाई जरूरी नहीं है.
#school_खुलने_दीजिए.there r sop for reopening school..& even PhD & pg are allowed to reopen..hum beech mein ug students ka kya??..kya hamari padhai zaruri nhi hai??...@DrRPNishank @EduMinOfIndia @AmitShah ..we need an answer...y is there no sop for ug colleges#reopen_ug_college
— ishita (@ishita18932389) October 14, 2020
कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म LocalCircles की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पूरे भारत में पेरेंट्स के बीच सर्वे किया गया. इसमें शामिल 71 प्रतिशत माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं. दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम का कहना है कि संगठन ने स्कूल खुलने को लेकर अभिभावकों से राय ली है. अभिभावक नहीं चाहते हैं कि बिना वैक्सीन या दवा के इंतजाम के कोरोना काल में उनके बच्चों को स्कूल भेजने का दबाव पड़े. अभिभावकों को बच्चों को लेकर काफी चिंताएं हैं.