राजस्थान में दस महीने बाद आज फिर से स्कूल खुल गए. नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों के लिए और फाइनल ईयर के करीब 30,000 स्कूल और कॉलेज खुल गए हैं. इसके अलावा 14 हज़ार सरकारी और 16 हज़ार निजी स्कूलों में चार क्लासेज शुरू किए गए हैं जिनमें उपस्थिति केवल पचास फ़ीसदी छात्रों की रखी गई है.
50 प्रतिशत उपस्थिति की अनुमति के बावजूद पहले दिन छात्रों की उपस्थिति 20 फ़ीसदी रही. इसके अलावा जिन 50 फ़ीसदी छात्रों को स्कूल नहीं आना है, उनके लिए ऑनलाइन क्लास जारी है. साथ ही जो बच्चे स्कूल नहीं आना चाहते उनके लिए भी ऑनलाइन क्लासेज चलते रहेंगे.
पहले दिन स्कूल के नजारे पहले से कहीं अलग थे. यहां सभी छात्र और टीचर मास्क लगाकर बैठे हुए थे. क्लास के अंदर और बाहर सैनेटाइजर रखा हुआ था. स्कूल को खोलने से पहले सेनेटाइज़ किया गया. स्कूल की कैंटीन और सार्वजनिक जगहों को अभी भी नहीं खोला गया है.
जो छात्र स्कूल में पहुंचे थे, वो अपने माता पिता से लिखित परमिशन लेकर आए. राज्य सरकार के आदेश के अनुसार प्रशासनिक सेवा के तमाम अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि अपने आस पास के स्कूल कॉलेजों का निरीक्षण जारी रखें.
सुबोध स्कूल के प्रिंसिपल कमलजीत यादव ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के पूरे इंतज़ाम किए गए हैं. हमें लगता है कि जिस तरह से आज पढ़ाई शुरू हुई. इससे धीरे-धीरे बच्चों में कॉन्फिडेंस आएगा और वो स्कूल आएंगे.
बच्चों ने भी कहा कि घर वाले स्कूल आने से मना कर रहे थे मगर परीक्षा की तैयारी करनी है और पढ़ाई करनी है इसलिए आना पड़ा. हमें देखकर बाक़ी के हमारे साथी भी स्कूल आएंगे. ये फोटो दिल्ली के एक स्कूल की विज्ञान लैब की है, जहां पहले दिन पहुंचे बच्चे बोर्ड एग्जाम से ठीक पहले प्रैक्टिकल की तैयारी में जुटे नजर आए.
बता दें कि कोरोना के लंबे अंतराल के बाद लगभग सभी राज्यों ने नये साल से स्कूलों को खोल दिया है. वहीं कुछ राज्य इसी सप्ताह या माह के अंत तक स्कूल खोल देंगे. वैक्सीन के आगमन के बाद माता-पिता को भी उम्मीद है कि जल्द ही बच्चों को वैक्सीनेशन होने पर वो कोरोना के खतरों से मुक्त होकर शिक्षा जारी रख सकेंगे.