कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए स्कूल-कॉलेज खोलने को लेकर संशय जैसी ही स्थिति अभी भी बनी हुई है. सरकार कुछ नए SOP के साथ स्कूलों को खोलने का फैसला आज ले सकती है. केंद्र सरकार इसका फैसला राज्यों के ऊपर छोड़ सकती है. कुछ राज्य स्कूल खोलने के पक्ष में हैं तो कुछ कोविड-19 (Covid-19) के बढ़ते मामले को देखते हुए ऐहतियात बरत रहे हैं. एक सर्वे में 71 प्रतिशत अभिभावक इस फैसले से खुश नहीं हैं.
जैसा कि सरकार ने स्वैच्छिक आधार पर स्कूलों को फिर से खोलना शुरू कर दिया है. वहीं अपने बच्चों को स्कूल भेजने के इच्छुक माता-पिता की संख्या और भी कम हो गई है. एक कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म LocalCircles की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पूरे भारत में पेरेंट्स के बीच सर्वे किया गया. इसमें शामिल 71 प्रतिशत माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं, जबकि नौ प्रतिशत इसके बारे में अनिश्चित नजर आए.
रिपोर्ट के अनुसार, अपने बच्चों को स्कूलों में भेजने के इच्छुक अभिभावकों की संख्या अगस्त के 23 फीसदी आंकड़े से घटकर सितंबर में 20 फीसदी हो गई है. महामारी के बढ़ते मामलों और आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए 32 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि स्कूलों को 31 दिसंबर तक खुलना चाहिए, जबकि 34 प्रतिशत ने कहा कि सरकार को इस शैक्षणिक वर्ष के लिए स्कूल नहीं खोलने चाहिए. बता दें कि ये अभिभावक मार्च / अप्रैल 2021 तक खोलने के पक्ष में हैं. वहीं केवल सात फीसदी 1 अक्टूबर से स्कूल फिर से खोलने के पक्ष में थे.
सर्वे में आया है कि केवल 28 प्रतिशत माता-पिता पहले कैलेंडर वर्ष 2020 यानी 31 दिसंबर से फिर से स्कूलों के खुलने के पक्ष में हैं. वहीं सर्वेक्षण के अनुसार 34 प्रतिशत का मानना है कि अगले शैक्षणिक वर्ष या अप्रैल 2021 में स्कूल खुलने चाहिए.
बता दें कि अक्टूबर और नवंबर में आने वाले त्योहारों के अलावा, उत्तर भारत में, विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर में आने वाले स्मॉग के मौसम को लेकर भी माता-पिता चिंतित हैं. पिछले साल, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों में पीएम 2.5 के 900 के लेवल को छूने के बाद, 74 प्रतिशत माता-पिता ने मांग की थी कि सरकार प्रत्येक वर्ष 1 नवंबर से स्कूलों के लिए 'स्मॉग ब्रेक' की घोषणा करे.
अनलॉक 4 के साथ 21 सितंबर से देश के कई राज्यों में आंशिक तौर से स्कूल खोले जा चुके हैं, लेकिन अभी भी ज्यादातर राज्यों में स्कूल बंद है. उम्मीद है कि सरकार स्कूल-कॉलेज को खोलने के लिए अनलॉक 5.0 की गाइडलाइंस में ऐसे कुछ नियम बनाएगी, जिससे स्कूल आसानी से खोले जा सकें क्योंकि स्कूल-कॉलेज बीते 6 महीने से बंद है.
21 सितंबर से 9वीं से 12वीं क्लास तक के छात्रों के लिए स्कूल स्वैच्छिक आधार पर खोले जा चुके हैं. वहीं अनलॉक 5 के साथ ही प्राइमरी स्कूलों को खोलने की बात भी कह रही है. लेकिन,कहा जा रहा है कि अभिभावकों की दलील और कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार अक्टूबर में भी प्राइमरी स्कूल बंद रख सकती है, इसके अलावा ऑनलाइन कक्षाएं शुरू रहेंगी.