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एजुकेशन न्यूज़

School Reopen: नहीं टला कोरोना का खतरा, बढ़ी छुट्ट‍ियां, जुलाई में भी नहीं खुलेंगे स्कूल!

प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
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वर्तमान स्थ‍िति और कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जिस तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं, उसे देखते हुए ऐसा कहा जा रहा है कि देश के किसी राज्य में जुलाई से स्कूल खुलने की आशंका नहीं है. विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूल खुलने से बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. अब तक कई राज्यों में गर्मी की छुट्ट‍ियां भी बढ़ा दी गई हैं. वहीं ज्यादातर राज्यों ने ऑनलाइन क्लासेज शुरू करने की घोषणा कर दी है. जानिए- क्या है राज्यों का हाल.... 

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देशभर में कोरोना की रफ्तार भले ही कमजोर हुई है लेकिन अभी भी खतरा पूरी तरह टला नहीं है. दिल्ली में जहां सात जून तक लॉकडाउन की अवध‍ि को बढ़ा दिया गया है, वहीं दिल्ली सरकार किसी भी तरह स्कूल खोलने पर विचार नहीं कर रही है. यहां पहले ही गर्मी की छुट्ट‍ियां चल रही हैं. अब सरकार जल्द ही ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर घोषणा कर सकती है. 

 

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वहीं आंध्र प्रदेश, हरियाणा सरकार, उत्तराखंड और ओड‍िशा सरकार ने भी गर्मी की छुट्टियां बढ़ाकर 30 जून तक कर दी हैं. वहीं पंजाब के स्कूलों में अब 23 जून तक स्‍कूल गर्मी की छुट्टियों के लिए बंद रहेंगे. यहां भी जुलाई से ऑनलाइन पढ़ाई ही शुरू होगी. इसके पीछे कहा जा रहा है कि कोई भी स्टेकहोल्डर स्कूलों को ऑफलाइन खोलने की अनुशंसा नहीं कर रहे हैं. इसके पीछे मुख्य वजह कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को खास वजह माना जा रहा है. 

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भारत सरकार के एक्सपर्ट पैनल की मानें तो अब से करीब छह से आठ महीनों में महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका है. यह अनुमान भारत सरकार के विज्ञान मंत्रालय के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्थापित वैज्ञानिकों के तीन सदस्यीय पैनल ने लगाया है. भारत सरकार को इसके लिए अलर्ट भी किया गया है. इस अलर्ट ने सभी राज्य सरकारों और प्रशासनिक इकाइयों की नींद उड़ा दी है. 

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दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम कहती हैं कि जिस तरह के हालात हैं, उसे देखते हुए तो लगता है कि जुलाई क्या इस पूरे साल बच्चे स्कूल नहीं जा सकेंगे. क्योंकि फरवरी से जिस तरह कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने लोगों को मुसीबत में डाला, वो भयावह था. इससे पहले कुछ स्कूल सरकार के प्रोटोकॉल के मुताबिक खोले भी गए लेकिन इस दौरान भी कई बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए. 

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एल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल की अनुशासन कमेटी के इंचार्ज राजीव झा कहते हैं कि जिस तरह के हालात हैं, ऐसे में सरकार सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षाओं को लेकर ही फैसला नहीं कर पा रही. इसके बाद स्कूल खोलने का तो सवाल ही नहीं उठता. अभी ताजा हालातों से साफ है कि किसी भी हाल में दिल्ली या अन्य राज्य जुलाई में स्कूल नहीं खोल पाएंगे. हालांकि बच्चों को ऑनलाइन जरिये से पढ़ाई जल्द ही शुरू हो जाएगी. 

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वहीं देश के सरकारी स्कूलों में हालात एकदम अलग हैं. यहां बड़ी संख्या में बच्चे ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जारी नहीं कर पा रहे हैं. स्कूलों को लेकर हाल में आई कई स्टडी में सामने आया है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चों के सामने ऑनलाइन माध्यम से पढ़ने के संसाधन नहीं हैं. इसलिए इनकी पढ़ाई में गैप आ रहा है. सरकारें इनके लिए कई तरह की योजनाएं चलाने पर विचार कर रही है, लेकिन यह खाईं अभी तक भर नहीं पाई है. 

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प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के सामने समस्या उतनी विकराल नहीं है. श‍िक्षक राजीव झा कहते हैं कि इस बीते एक साल में न सिर्फ बच्चे बल्क‍ि टीचर्स भी ऑनलाइन पढ़ाई में खुद को काफी अपग्रेड कर चुके हैं. सीबीएसई बोर्ड भी इस दिशा में लगातार काम कर रहा है. टीचर्स को सीपीडी कॉम्प्रेहेंसिव प्रोफेशनल डेवलेपमेंट के जरिये और भी मजबूत किया जा रहा है. हां बच्चों में थोड़ा मुश्क‍िल की बात ये है कि उनका स्क्रीन टाइम थोड़ा बढ़ गया है जोकि चिंताजनक है. 

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