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एजुकेशन न्यूज़

Success Story: कानपुर की कृतिका कैसे बनीं UPSC हिंदी मीडियम टॉपर? बताया ये गोल्डन रूल

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Success Story of UPSC Hindi Medium Topper Kritika Mishra: कानपुर की कृतिका मिश्रा ने हिंदी मीडिया से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में टॉप किया. उनका यह दूसरा अटेंप्ट था जिसमें उन्हें 66वीं रैंक मिली है. पहले अटेंप्ट में वे इंटरव्यू क्लियर नहीं कर पाई थीं. कृतिका कहती हैं कि लास्ट अटेंप्ट में इंटरव्यू में नहीं हुआ तो फिर से प्रीलिम्स देना था, जो एक तरह से ट्रोमा की तरह था. इसके बावजूद न सिर्फ उन्होंने तैयारी जारी रखी बल्कि हिंदी मीडियम से यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम में अच्छी रैंक हासिल की है. आइए उन्हीं से जानते हैं हिंदी मीडिया में यूपीएससी एग्जाम देने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

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हिंदी मीडियम में यूपीएससी परीक्षा देना कितना कठिन है?
कृतिका मिश्रा ने 'द लल्लनटॉप' को दिए एक इंटरव्यू में  यूपीएससी की जर्नी पर चर्चा की और अभ्यर्थियों के लिए कई जरूरी बातें बताई. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कठिनाई बहुत है, किसी भारतीय भाषा माध्यम में सबसे बड़ी समस्या स्टडी मैटेरियल की है. अंग्रेजी के मैटेरियल को अनुवाद करके हिंदी में करना होगा. ऐसे में परीक्षा के दौरान इंग्लिश टर्म याद आते हैं. दोनों अटेंप्ट में देवनागरी में भी लिखा है.

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हिंदी मीडियम में अभ्यर्थी को क्या ध्यान रखना चाहिए?
मनोवृत्ति, उनका कहना है कि हिंदी भाषा के बच्चे मन में अंग्रेजी का डर बैठा लेते हैं. उन्हें इस तरह की मनोवृत्ति से बचना होगा. कॉन्फिडेंस के साथ अपनी बात रखनी आनी चाहिए.

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क्या क्लिष्ट हिंदी ही लिखना ही जरूरी है?
ऐसा नहीं है, जीडीपी को अगर सकल घरेलू उत्पाद लिखेंगे तो ज्यादा समय लगेगा. इसलिए कोशिश यह करनी चाहिए कि समय सीमा के अंदर अपना बेस्ट दें, रोमन भी इस्तेमाल कर सकते हैं. कोशिश कीजिए आपका मैटेरियल अच्छा हो.

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UPSC परीक्षा में किन बातों का ध्यान रखें?
इस बार सी-सेट काफी टफ था, इसके तीन पार्ट हैं-कॉम्प्रिहेंशन, मैथ्स और रिजनिंग. इस बार मैथ्स काफी टफ था, काफी लोग मैथ्स नहीं कर पाए, इसलिए ध्यान रखें कि पूरा सिलेबस देखें और हर प्वाइंट को कवर करने की कोशिश करें. ट्रैप क्वेश्चन को छोड़ना आना चाहिए. नेगेटिव मार्किंग से बचें. पिछले 10 वर्षों के क्वेश्चन पेपर की प्रैक्टिस करें.कृतिका मिश्रा के बारे में

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बता दें कि कानपुर की रहने वाली कृतिका मिश्रा बचपन से ही मेधावी छात्रा रही हैं. उनके पिता दिवाकर मिश्रा एक इंटर कॉलेज में पढ़ाते हैं और मां LIC में कार्यरत हैं. कृतिका ने हग्यूमैनिटीज में ग्रेजुएशन और हिंदी विषय में पोस्टग्रेजुएशन किया. फिलहाल वे कानपुर यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही हैं. हिंदी मीडियम में यूपीएससी टॉपर ने बगैर कोचिंग यह सफलता हासिल की है. सेल्फ स्टडी, यूट्यूब और किताबों से ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और कामयाबी हासिल की है.

(फोटो सोर्स- इंस्टाग्राम)

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