स्पेस में 9 महीने (करीब 286 दिन) बिताने के बाद सुनीता विलियम्स पृथ्वी पर लौट आई हैं. वे 5 जून 2024 को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) 8 दिन के मिशन के लिए गई थीं. लेकिन कई तकनीकी समस्याओं की वजह से वे वहां फंस गई थीं और नौ महीने बाद धरती पर लौटी हैं. भारतीयों को अब उनके भारत दौरे का इंतजार है क्योंकि वे अपने पिछले स्पेस मिशन के बाद साल 2007 में भारत आई थीं.
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भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स जब साल 2007 में अपने दूसरे मिशन (अभियान 14/15 - 9 दिसंबर, 2006 से 22 जून 2007) के बाद भारत आई थीं तो उनका भव्य स्वागत किया गया था.
(वसंत वैली पब्लिक स्कूल में सुनीता विलियम्स के स्वागत की तस्वीर)
साल 2007 भारत दौरे के समय सुनीता विलियम्स ने वसंत वैली पब्लिक स्कूल में छात्रों से स्पेस से जुड़ी खास बातें की थीं. उन्होंने छात्रों के साथ बातचीत की थी और अपने अंतरिक्ष अभियानों से जुड़ी कहानियां बताई थीं.
वसंत वैली स्कूल के बच्चों से बातचीत के दौरान सुनीता विलियम्स ने कई सवालों के जवाब दिए थे. जब उनसे पूछा गया कि आपको क्या लगता है कि नासा ने आपको अंतरिक्ष यात्री के रूप में क्यों चुना? तब उन्होंने जवाब में कहा था कि शायद मेरी फिजिकल फिटनेस की वजह से क्योंकि इसकी काफी टफ ट्रेनिंग होती है. आपको शारीरिक रूप से बहुत फिट होना चाहिए.
वहीं जब सुनीता विलियम्स से स्पेस में सोने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वहां सोना बहुत मुश्किल था. हम हर समय हवा में रहते थे. उस दौरान सुनीता विलियम्स ने यह भी बताया कि उन्हें खाने में समोसे काफी पसंद है.
अंतरिक्ष से दूसरे ग्रह कैसे दिखते हैं? इस सवाल पर सुनीता विलियम्स ने कहा, 'दूसरे ग्रह वास्तव में इतने करीब से नहीं दिखते, वे चमकीले, चमकते तारों की तरह दिखते हैं. उन्होंने बताया कि पृथ्वी बहुत सुंदर है, मैं धरती को देख सकती थी और यह वाकई खूबसूरत लगती थी.
(वसंत वैली स्कूल में छात्रों से बातचीत के दौरान सुनीता विलियम्स की तस्वीर)
वे हमेशा युवाओं को स्पेस साइंस और नासा के मिशन के बारे में जागरूक करने की कोशिश करती हैं. भारत में अपने परिवार से मिलते हुए सुनीता भावुक नजर आ रही थीं.
भारत यात्रा के दौरान उन्हें कई मंचों पर सम्मानित किया गया था. इस दौरान रिश्तेदारों के अलावा उन्होंने कई शख्सियतों से मुलाकात की थी. एक तस्वीर में वे एक विशेष सम्मान समारोह में भाग लेती नजर आ रही हैं.
उस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा किया, जिनमें अहमदाबाद, दिल्ली और मुंबई शामिल थे. उनके इस दौरे का मुख्य उद्देश्य युवाओं और विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्रों को प्रेरित करना था.
अपने भारत दौरे के समय सुनीता विलियम्स ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल से भी मुलाकात की थी.