सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के 69000 शिक्षक भर्ती मामले में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर सभी याचिका खारिज कर दी हैं. इससे 40/45 कट ऑफ की मांग कर रहे शिक्षा मित्रों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के मौजूदा कट ऑफ (60/65) को सही ठहराया है.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि इन शिक्षा मित्रों को भर्ती का एक और मौका अगली भर्ती में दिया जाए. बता दें कि 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामले में पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 सितंबर को 31661 पदों को एक हफ्ते में भरने का निर्देश दिया था.
अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाकी बचे हुए 37339 पदों पर भर्ती का रास्ता भी साफ हुआ. इन पदों पर यूपी सरकार के मौजूदा कट ऑफ 60/65 के आधार पर ही भर्ती होगी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के हलफनामे को रिकॉर्ड पर लिया जिसमें कहा गया था कि नए कट ऑफ की वजह से नौकरी से वंचित रह गए शिक्षा मित्रों को अगले साल एक और मौका दिया जाएगा.
दरअसल, छात्रों के एक गुट का कहना था कि सरकार का परीक्षा के बाद कट ऑफ निर्धारित करना गलत है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 6 मार्च को यूपी सरकार के फैसले को सही मानते हुए भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर पूरा करने का आदेश दिया था लेकिन कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया और इलाहाबाद HC के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
शिक्षामित्रों का कहना है कि लिखित परीक्षा में टोटल 45357 शिक्षामित्रों ने फॉर्म डाला था, जिसमें से 8018 शिक्षामित्र 60-65% के साथ पास हुए. लेकिन इसका कोई डेटा नहीं है कि कितने शिक्षामित्र 40-45 के कटऑफ पर पास हुए. इसीलिए 69000 पदों में से 37339 पद रिजर्व करके सहायक शिक्षक भर्ती की जाए या फिर पूरी भर्ती प्रक्रिया पर स्टे किया जाए.
दरअसल, शिक्षामित्रों की मांग थी कि असिस्टेंट टीचर की भर्ती परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए कटऑफ 45 फीसदी और रिजर्व कैटगरी के लिए 40 फीसदी रखा गया था. फिर लेकिन पेपर के बीच में उसे बढ़ा दिया गया और उसे 65-60 फीसदी कर दिया गया. शिक्षामित्रों ने इसे गैर कानूनी कदम बताया क्योंकि पेपर के बीच में कटऑफ नहीं बढ़ाया जा सकता है.
शिक्षामित्रों ने साथ ही दलील दी कि बीएड स्टूडेंट इस असिस्टेंट टीचर की परीक्षा के लिए पात्रता नहीं रखते क्योंकि उन्होंने ब्रिज कोर्स नहीं किया है. असिस्टेंट टीचरों के लिए ये जरूरी है कि आवेदक छह महीने का ब्रिज कोर्स करें. सुनवाई के दौरान जस्टिस ललित ने पूछा कि क्या 40/45 कटऑफ को पार करने वाले सभी 40 हजार शिक्षामित्र और बाकी बचे 29 हजार पदों पर दूसरे कैंडिडेट सलेक्ट होंगे.
इस पर ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि योग्यता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. हमारे पास 50 हजार पद हैं और प्रति वर्ष 10,000 लोग रिटायर हो रहे हैं. हम अलग से भर्ती में मौका देने को तैयार हैं लेकिन योग्यता के साथ. ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि राज्य में 3 लाख 94,000 कुल अभ्यर्थियों की संख्या 40-45% पर है जो कुल आंकड़ो का 96.2% है. अभ्यर्थियों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद कटऑफ बढ़ना स्वभाविक है.