सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले के बाद सवालों के घेरे में आए मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह एक बार फिर से चर्चा में हैं. साल 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह एक तेजतर्रार अधिकारी कहे जाते हैं. उन्हें मुंबई अंडरवर्ल्ड के नेटवर्क की गहरी जानकारी है.
मुंबई के ठाणे जिले में पुलिस कमिश्नर रहे परमबीर सिंह की फरवरी 2020 में मुंबई पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति हुई थी. फिर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद सोशल मीडिया में अचानक मुंबई पुलिस के साथ वो भी खूब चर्चा में आ गए थे.
बता दें कि इससे पहले वो मालेगांव ब्लास्ट को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं. जब मालेगांव ब्लास्ट की साजिश के आरोप में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. उस वक्त हेमंत करकरे एटीएस चीफ थे और डीआईजी एटीएस का पद परमबीर सिंह के पास ही था. उन्हें भी साध्वी प्रज्ञा मामले में जांच की जिम्मेदारी मिली थी.
अंडरवर्ल्ड मामलों के जानकार परमबीर सिंह फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी का मामला भी सामने लाए थे. ठाणे पुलिस कमिश्नर रहने के दौरान इन्होंने ड्रग्स रैकेट केस में ममता कुलकर्णी को आरोपी बनाया था. बता दें कि ममता के पति विकी गोस्वामी भी इस केस में शामिल हैं.
गुरुवार को मुंबई पुलिस कमिश्नर एक बार फिर सोशल मीडिया में छा गए. उन्होंने फॉल्स टीआरपी रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा करके सबको हैरत में डाल दिया था. उन्होंने टीवी न्यूज चैनल की टीआरपी के जोड़-तोड़ के मामले में अब तक 2 गिरफ्तारी का भी खुलासा किया.
परमवीर सिंह 90 के दशक में संयुक्त कमिश्नर अरविंद इनामदार के नेतृत्व में गठित स्पेशल ऑपरेशन स्क्वॉड के पहले डीसीपी भी थे. इस स्क्वॉड के नाम मुंबई पुलिस के इतिहास में सबसे ज्यादा एनकाउंटर करने का रिकॉर्ड दर्ज है. तब परमबीर के नेतृत्व में स्पेशल स्क्वॉड ने डॉन अरुण गवली की दगड़ी चॉल में भी कई दफा ऑपरेशन को अंजाम दिया था.