मुंबई में एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मामले में महाराष्ट्र सरकार घिरी हुई है. इस बीच सांसद नवनीत राणा की भी काफी चर्चा हो रही है. उन्होंने संसद में ये केस उठाया था. इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने उन्हें धमकी दी है. शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने इन आरोपों से मुंह मोड़ लिया है. आइए जानते हैं अमरावती की सांसद नवनीत के बारे में.
मुंबई में जन्मी नवनीत राणा को बचपन से मॉडलिंग का शौक था. 12वीं के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़कर मॉडलिंग शुरू कर दी थी. मॉडलिंग और पढ़ाई के दौरान नवनीत ने मराठी, पंजाबी, तेलुगू, हिंदी और इंग्लिश भाषाएं सीखीं. इसके अलावा उन्होंने फिल्मों में भी अपना करियर बनाया. अपने भाषा ज्ञान के साथ वो तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और पंजाबी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं.
नवनीत के माता-पिता पंजाबी मूल के हैं. उनके पिता एक सेना अधिकारी थे. 12 वीं कक्षा खत्म करने के बाद वो छह म्यूजिक वीडियो में एक मॉडल के रूप में नजर आईं. उन्होंने कन्नड़ फिल्म दर्शन से अपने फीचर फिल्म करियर की शुरुआत की. इसके बाद सीनू वसन्ती लक्ष्मी (2004) के साथ तेलुगु फिल्म चेतना (2005), जगपति (2005), गुड बॉय (2005), और भूमा (2008) उनकी बाद की कुछ फ़िल्में हैं.
एक्ट्रेस के तौर पर स्थापित होने के बाद उन्होंने साल 2011 में अमरावती के बड़नेरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय एमएलए रवि राणा से शादी की. उन्होंने 3720 जोड़ों के बीच सामूहिक विवाह में ये शादी की थी. इस शादी में तत्कालीन सीएम पृथ्वीराज चव्हाण और बाबा रामदेव भी मौजूद थे.
ऐसे हुई पॉलिटिक्स में एंट्री
शादी के बाद नवनीत ने राजनीति में एंट्री ली. साल 2014 में वो एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ीं लेकिन जीत नहीं सकीं. लेकिन उन्हें पॉलिटिक्स का स्वाद लग चुका था और फिर साल 2019 में निर्दलीय प्रत्याशी बनीं. इस बार कांग्रेस और एनसीपी के सहयोग से वो अमरावती से सांसद के रूप में चुन ली गईं.
मास्क लगाकर संसद पहुंची थीं
नवनीत राणा पिछले साल मार्च में लॉकडाउन लगने से पहले चर्चा में आई थीं. वो संसद में मास्क लगाकर पहुंची और सवाल भी मास्क लगाकर ही पूछे. इस पर उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए और जागरूकता बढ़ाने के लिए ही उन्होंने मास्क पहना है.
बता दें कि इस साल फरवरी में नवनीत ने शिकायत दर्ज कराई थी कि किसी ने नॉर्थ एवेन्यू स्थित उनके फ्लैट पर धमकी भरा लेटर छोड़ा है. इसमें लिखा है कि अगर वह संसद में शिवसेना के खिलाफ बोलती हैं, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतना होगा. उनकी शिकायत के बाद मामला थाने पहुंचा था. उन्होंने तब भी शिवसेना नेता संजय राउत और शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल पर इसका आरोप लगाया था.