CBSE Major Changes 2023: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE)के छात्र और हितधारक इस साल कई बड़े बदलावों के साक्षी बने. नई शिक्षा नीति के विस्तार के साथ ही बोर्ड ने परीक्षा पैटर्न से लेकर और भी कई बड़े बदलाव किए हैं. आइए यहां जानते हैं कि कितनी बदल जाएगी भारतीय शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर.
1. मार्कशीट में डिविजन या डिस्टिंक्शन खत्म
सीबीएसई बोर्ड की 2024 में कक्षा 10 और कक्षा 12 की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों के लिए एकदम नया बदलाव लेकर आया. इसके तहत कोई ओवरऑल डिविजन या डिस्टिंक्शन नहीं तय होगा. सीबीएसई बोर्ड ने ये फैसला उन अनुरोधों के जवाब में किया जिसमें छात्र प्रतिशत की गणना के लिए तय क्राइटेरिया पर स्पष्टीकरण मांग रहे थे. सीबीएसई ने स्पष्ट का दिया कि बोर्ड अंकों के प्रतिशत की न तो गणना करेगा और न ही घोषणा करेगा.
2. सैंपल पेपर और मार्किंग स्कीम जारी किए
इस साल सीबीएसई ने संबंधित मार्किंग स्कीम के साथ-साथ कक्षा 10 के लिए 60 और कक्षा 12 के लिए 77 नमूना प्रश्न पत्र जारी किए हैं. ये रीसोर्सेज सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट cbse.nic.in पर उपलब्ध हैं.
3. अकाउंटेंसी में कोई आंसर बुक नहीं
अकाउंटेंसी सब्जेक्ट का एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स को अभी तक आंसर बुक दी जाती थी लेकिन साल 2024 में बोर्ड परीक्षा से शुरू होकर, सीबीएसई अकाउंटेंसी विषय में दी जाने वाली टेबल वाली आंसर बुक नहीं देगा. इसके बजाय, कक्षा 12 के अन्य विषयों के अनुरूप सामान्य लाइन वाली आंसर बुक दी जाएंगी. यह बदलाव 2023-24 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं से प्रभावी है. सभी स्टेकहोल्डर्स के फीडबैक के आधार पर ये फैसला लिया गया है.
4. खेल और ओलंपियाड प्रतिभागियों के लिए विशेष व्यवस्था
राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड में भाग लेने वाले छात्रों के लिए, सीबीएसई बाद की तारीख में विशेष परीक्षा आयोजित करेगा, जिससे उन्हें शैक्षणिक और पाठ्येतर गतिविधियों को संतुलित करने की अनुमति मिलेगी. मान्यता प्राप्त खेल और ओलंपियाड इस व्यवस्था के लिए पात्र हैं. 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम देने वाले ऐसे स्टूडेंट्स के लिए इवेंट के बाद स्पेशल एग्जाम कंडक्ट कराए जाएंगे. हालांकि, कंपार्टमेंट और प्रैक्टिकल एग्जाम्स कैंडिडेट्स को तय डेट्स पर ही देने होंगे. बोर्ड का कहना है कि यंगस्टर्स में स्पोर्ट्स और एजुकेशनल कॉम्पिटिशन को बढ़ावा देने के लिए ये फैसला लिया गया है.
इसका फायदा सिर्फ वही स्टूडेंट्स उठा पाएंगे जो ऐसे स्पोर्ट्स खेलते हो जो स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी SAI और बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल इन इंडिया यानी BCCI द्वारा मान्य हों। वहीं, होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन (HBCSE) द्वारा मान्यता प्राप्त इंटरनेशनल ओलंपियाड में जाने वाले स्टूडेंट्स ही स्पेशल बोर्ड एग्जाम दे सकेंगे.
5. साल में दो बार बोर्ड परीक्षा, बेस्ट स्कोर बरकरार
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत, न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) बोर्ड परीक्षा को साल में दो बार आयोजित करने का मौका देगा. इसके लिए नई किताबें तैयार की जा रही हैं और उनमें छात्र अपना बेस्ट स्कोर बरकरार रख सकते हैं और उन विषयों में परीक्षा देना चुन सकते हैं जिनके लिए वे अपनी अच्छी तैयारी मानते हैं. वे उसी विषय के स्कोर के साथ आगे बढ़ सकेंगे. इसके अलावा 11वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को दो लैंग्वेज पढ़नी होंगी जिसमें कम से कम एक भारतीय भाषा होनी चाहिए.