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देश में अभी भी 17 प्रतिशत स्कूलों में नहीं है बिजली और हाथ धोने जैसी बेसिक सुविधाएं- रिपोर्ट

UDISE+ रिपोर्ट 2019-20 के अनुसार, स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर रजिस्‍ट्रेशन के मामले में 2018-19 की तुलना में 2019-20 में सुधार हुआ है. स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर छात्र शिक्षक अनुपात (PTR) में भी सुधार हुआ है.

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UDISE+ Report:
UDISE+ Report:
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इनरोलनमेंट की गिनती में सुधार दिख रहा है
  • छात्र शिक्षक अनुपात (PTR) में भी सुधार हुआ है

गुरुवार 01 जुलाई को शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यूनाइटेड इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+) 2019-20 की रिपोर्ट फॉर स्कूल एजुकेशन जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसार, देश के लगभग 17% स्कूलों में 2019-20 में बिजली और हैंडवाश जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थी. हालांकि, सकारात्मक पक्ष यह है कि इन बुनियादी सुविधाओं को प्राप्त करने वाले स्कूलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

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UDISE+ रिपोर्ट 2019-20 के अनुसार, स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर रजिस्‍ट्रेशन के मामले में 2018-19 की तुलना में 2019-20 में सुधार हुआ है. स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर छात्र शिक्षक अनुपात (PTR) में भी सुधार हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में प्राथमिक से उच्च माध्यमिक तक लड़कियों का इनरोलमेंट 12.08 करोड़ से अधिक है. यह 2018-19 की तुलना में 14.08 लाख की वृद्धि है. 2012-13 और 2019-20 के बीच, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक दोनों स्तरों पर लिंग समानता सूचकांक (GPI) में सुधार हुआ है.

शिक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, UDISE+ रिपोर्ट पिछले वर्ष की तुलना में 2019-20 में बिजली, कंप्यूटर और इंटरनेट जैसी सुविधाओं वाले स्कूलों की संख्या में सुधार दिखा रही है. हाथ धोने की सुविधा वाले स्कूलों की संख्या में एक और बड़ा सुधार देखा गया है. वर्ष 2019-20 में, भारत में 90% से अधिक स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा थी, जबकि 2012-13 में यह केवल 36.3% थी.

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2019-20 में प्री-प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी तक स्कूली शिक्षा में कुल विद्यार्थियों की संख्या 26.45 करोड़ के पार पहुंच गई है. यह 2018-19 की तुलना में 42.3 लाख अधिक है. उच्च प्राथमिक स्तर पर सकल नामांकन अनुपात बढ़कर 89.7% (87.7%), प्रारंभिक स्तर पर 97.8% (96.1% से), माध्यमिक स्तर पर 77.9% (76.9%) और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर 51.4% (50.1%) हो गया है.

2019-20 में 96.87 लाख शिक्षक स्कूली शिक्षा में लगे हैं. यह 2018-19 की तुलना में लगभग 2.57 लाख अधिक है. स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर छात्र शिक्षक अनुपात (PTR) में सुधार हुआ है. 2019-20 में प्राइमरी के लिए PTR 26.5, अपर प्राइमरी और सेकेंडरी के लिए PTR 18.5 और हायर सेकेंडरी के लिए PTR 26.1 हो गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, चालू कंप्यूटर वाले स्कूलों की संख्या 2018-19 में 4.7 लाख से 2019-20 में बढ़कर अब 5.2 लाख हो गई है. इंटरनेट सुविधा वाले स्कूलों की संख्या 2018-19 में 2.9 लाख से बढ़कर 2019-20 में 3.36 लाख हो गई है. 2019-20 में 82% से अधिक स्कूलों ने छात्रों का मेडिकल चेकअप किया, जो पिछले वर्ष 2018-19 की तुलना में 4% से अधिक की वृद्धि है. भारत में 84% से अधिक स्कूलों में 2019-20 में एक पुस्तकालय/ऑडिटोरियम है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 4% का सुधार है. 
(अमनदीप के इनपुट के साथ)

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